वक़्त तो पहले का ही सही था....वक़्त तो वाकई पहले का सही था,,,
जहां दोस्त से मिलने के लिए कोई बहाना नही था...
जब मन किया जाके मिल लो,अब तो काम बताना पड़ता है...
कभी जो हमारी खामोशी को समझ जाया करता था अब उसे हर बात बताना पड़ता है...इतना ही नही,अब तो खुद को साबित करके भी दिखाना पड़ता है।
छोटी छोटी बातों में अक्सर रुठ जाते हैं वो दोस्त..जिन्हें कभी मनाया नही था,अब उन्हें मनाना पड़ता है।।
#formalitywalidosti !
-heena Khan