# अक्सर यहीं बेठे-बेठे,
अक्सर यहीं बेठे-बेठे मैं अचानक कहीं खो जाता हूँ,
मैं, मैं को पीछे छोड़ कर कभी कोई और ही हो जाता हूँ,
मायूस कभी कर जाती है मेरी ही कुछ बातें मुझ को,
रात भर मैं जगता रहता हुँ तुम्हें लगता है मैं सो जाता हूँ,
⁃ ऋषिकेश त्रिवेदी,
⁃ IG _rishikesh11,