हास्य
नींद में स्वर्ग की सैर
फेसबुक, व्हाट्सएप और टीवी सब जगह एक ही खबर थी । 21 को दुनिया खत्म हो जायेगी । बहुत डर भी लग रहा था और चिंता में नींद भी आसपास नजर नहीं आई ।
सोचते सोचते कब आंख लग गई पता ही न चला । आंख खुली तो अपने आपको एक कमरे में पाया ।
छत की तरफ ध्यान गया तो अजीब सा लगा, ये मेरा कमरा तो नहीं है! हड़बड़ाहट में उठी तो कमरे में एक औरत पोच्चा लगा रही थी ।
"तुम कौन हो और यहाँ क्या कर रही हो? " मैंने उससे पूछा।
"आड़ै मेरी डयूटी सै मैडम जी" वह बोली ।
उसके मुंह से हरियाणवी सुनकर अपनापन सा लगा.
मैं बोली- तेर तईं किसनै कही सै पोच्चा मारण की, मैं आपणे काम खुद करया करूँ समझी, अर ना तनै मास्क लगा राख्या!! "
"मैडम जी सपना देखो हो के? " वह जोर ठहाका लगाकर बोली.
मैं- मतलब??
"आपी ईब स्वर्गवासी हो लिये, आड़ै कोनी करोना- कराना । अर या लो आपकै काम की लिस्ट, सारा काम टैम पै करणा सै, टैम पै काम न्हीं करया तो फेर नरकवासी हो ज्याओगे । "वह मुझे समझा रही थी ।
मैंने सोचा चलो थोड़ी गफलत करते हैं और नरकलोक की सैर भी कर आते हैं आखिर पता तो चले यहाँ और वहाँ में फर्क क्या है?
मैंने समय पर काम नहीं किया तो मुझे नियमानुसार नरकलोक भेज दिया गया। वहाँ भी वही सब सुविधाएं थी जो स्वर्गलोक में थी । मैं सोचने लगी स्वर्ग और नरक में कुछ भी तो फर्क नहीं है फिर लोग क्यों डरते हैं आने से? वही हराभरा खुशनुमा वातावरण, सब सुख सुविधाएं मौजूद थीं।
किंतु जैसे ही खाना लगा सब टूट पड़े एक दूसरे थाली में।
हम्म अब समझी, जो लोग धरती पर उधम मचाते हैं वही नरक में आकर भी सुकून से नहीं जीते हैं। इनकी हरकतों के कारण ही नरकलोक इनके लिए बनाया गया है।तभी दो औरतें लड़ती हुई आई । दोनों ने एक दूसरे की चोटी को कसकर पकड़ रखा था ।
दोनों ने लड़ते लड़ते मुझे चपेट में ले लिया ।
मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी ।
बचाओ .. बचाओ!!!
तभी पतिदेव चिल्ला पड़े -"के बीमारी सै? ना पड़ै ना पड़न दे! कितनी बै कह राख्खी सै भूतिया फिल्म ना देख्या कर.... । "
और मुझे जोर से झिंझोड़ दिया।
आंख मलते मलते घूरकर इनको देखा, और पूछा- "थम्म आड़ै के करो सो?
गुस्सा होकर बोले- इब कित्त जाऊँ?
फिर नींद उड़ी तो मोबाईल में टाइम देखा सुबह के चार बज रहे थे ।
"ओह तो हम जिंदा है! मतलब दुनिया खत्म नहीं हुई !"और गहरी सांस लेकर फिर सो गई ।
एम के कागदाना ( महेंद्र कौर यादव)
एम. ए. , एम. फिल. नेट क्वालिफ़ाई हिंदी में
(मौलिक रचना)
फतेहाबाद हरियाणा
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