दिल तड़प उठा अक्सर मोहब्बत निभाते हुए,
अजीब लगता हैं अब उसे मैसेज करते हुए...
एक वक़्त था, रो लिया करते थे दिल खोल के,
अब तो गला भर आता हैं आंसू छुपाते हुए...
जाने कितने ही वादे किए थे उसने अक्सर,
हाँ, वही देर रात तक मैसेज से जगाते हुए...
याद हैं उसका कहा की बिछड़े तो मर जाएंगे,
वो एक आंसू भी न रोया हाथ छुड़ाते हुए...
ये दिल अब पत्थर सा हो गया ऐसे हालात में,
एक उम्र फिर लगेगी दिल को दिल बनाते हुए...
इतना आसान कहाँ होता हैं भूल पाना सब कुछ,
कई रातें लगती है यादों का शहर जलाते हुए...
🥀 #दर्द