अछी पंक्तिय
👌दुनिया में सब चीज
मिल जाती है,....
केवल अपनी गलती
नहीं मिलती..।।
👉: बुलंदी की उडान पर हो तो ,
जरा सब्र रखो।
परिंदे बताते हैं कि ,
आसमान में ठिकाने नही होते..।।
👉: चढ़ती थीं उस मज़ार पर
चादरें बेशुमार ,
लेकिन बाहर बैठा कोई फ़क़ीर
सर्दी से मर गया..।।
👉: कितनी मासुम सी ख़्वाहिश
थी इस नादांन दिल की ,
जो चाहता था कि..
शादी भी करूँ और ....
ख़ुश भी रहूँ..।।
👉: छत टपकती है उसके
कच्चे घर की ,
वो किसान फिर भी बारिश की
दुआ माँगता है..।।
👉: तेरे डिब्बे की वो दो रोटिया
कही भी बिकती नहीं ,
माँ ...........
होटल के खाने से आज भी
भूख मिटती नहीं..।।
👉: इतना भी गुमान न कर
आपनी जीत पर
" ऐ बेखबर "
शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे
तो मेरी हार के हे..।।
👉: सीख रहा हूं अब मैं भी इंसानों
को पढने का हुनर ,
सुना है चेहरे पे किताबों से ज्यादा
लिखा होता है..।।
👉: लिखना तो ये था कि खुश
हूँ तेरे बगैर भी ,
पर कलम से पहले आँसू कागज़
पर गिर गया..।।
👉: " मैं खुल के हँस तो रहा हूँ
फ़क़ीर होते हुए ,
वो मुस्कुरा भी न पाया
अमीर होते हुए..।।