"पिता एक अनपढा उपन्यास"
पिता बच्चों की कहानियों का"अभ्यास"है! पिता बच्चों के जीवन का अनपढा"उपन्यास"है!!
पिता उंगली पकड़कर"चलना"है!
पिता बच्चों के झूले का"पलना"है!!
पिता बच्चों की दर्द में "सिसकना"है!
पिता के बिना बच्चों का हर ख्वाब"सूना"है!!
पिता बच्चों के दुखों में सुख का"अहसास"है!
पिता बच्चों की कहानियों का"अभ्यास"है!!
पिता से होली है दिवाली है ईद है"रमजान"है!
पिता अपने नन्हें बच्चों की आत्मा और"प्राण"है!!
पिता से ही मां का सिंदूर और सुहाग पर"अभिमान"है!
पिता अनपढ़ होकर भी बच्चों का संपूर्ण"ज्ञान"है!
पिता बच्चों की सफलता का सबसे बड़ा"प्रयास"है!!
पिता बच्चों की कहानियों का"अभ्यास"है!
पिता त्याग है समर्पण है अनुराग है बच्चों में"प्रतिफल राग"है!!
पिता है तो मां की गवाही का"प्रमाण"है!
पिता से ही बच्चों की सृष्टि का"निर्माण"है!!
पिता से ही जीवन में"प्रकाश"है!
पिता अपने बच्चों की परिधि का"व्यास "है!!
पिता बच्चों की कहानियों का"अभ्यास"है!
पिता संस्कार है"सभ्यता"है!!
पिता से जीवन में"भव्यता"है!
पिता आधार है अनुशासन है जीवन का"महत्व"है!!
पिता से ही परिवार का"अस्तित्व"है!
पिता बच्चों का सार्थक"प्रयास"है!!
पिता से ही बच्चों का संपूर्ण"इतिहास"है!
पिता बच्चों की कहानियों का"अभ्यास"है!!
पिता बच्चों के जीवन का अनपढ़ा"उपन्यास"है!!
आशीष सिंह