मातृभूमि के लिए जिन्होंने,
अपने प्राण गंवाए।
पागल बनी घूमती देखो,
उनकी अब विधवाएं।।
कत्ल हुआ मां की ममता का,
ज्यों पिता ने पैर गंवाए।
बिना भुजा का भाई लगता,
बहनों के नैन पथराए।।
शत शत नमन उन्हें है मेरा,
जो सिरमौर कहाय।
मातृभूमि के लिए जिन्होंने,
अपने प्राण गंवाए।।
- नवनीत कुमार सिंह ' नवीन '
#पागल