कुछ रास्ते अपने होते है कुछ रास्ते बेगाने होते है
खयालो कि दुनियाँ यह ना जाने दिल कहाँ बसते है
कभी अपनो में जीते है तो कभी परायोमे जीलेते है
खुद कि तलाश छोड कर किसी और की तलाश में जीते है
ना जाने जींदगी में ऐसी क्या तिजोरी है
कोई रोकर तो कोई खोकर तो कोई हसकर भरती है
दुवाऐं भी शामिल करने किसी की तलाश होती है
नफरतो में भी यारों का प्यार बसा होता है
कभी उनके ख्वाबो कि दूनिया में हम उनसे तो कभी वह हमसे मिलते है
रात के अंधेरो में भी हम गाडी कि हेडलाईट जलाकर चलते है
कभी वह हमसे तो कभी हम उनसे रुठ जाते है
कभी वो तो कभी हम एकदुजे को मुस्कुराकर हसलेते है
दोनो हम दुर होकर भी वृंदावन के यमुना तट पर हम राधाकृष्ण के साथ बसते है !
राधे राधे...,
"तेरे बिना~कोई भी नही"
"तुझ्या विना~कोणी ही नाही"
*कवी : सी एस रोशन!