#चरनवन्दन
करू चरनवन्दन भरत की जो भाई के लिए माता से जा लड़ा ।
या फिर कुम्भकर्ण की जो भाई के लिए भगवान से भी जा भिड़ा ।।
शायद वो दोनों ही निष्ठावान है।
कर्तव्य पथ पर चल पड़े वो दोनों ही महान है।।
हे प्रभु ना बनाना किसी को विभीषण ,फिर चाहे भाई हो लाख गलत ।
तुम बनना कुम्भकर्ण , फिर चाहे कोई कितनी भी लुटादे दौलत।।
---विवेक