*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*अजीब खेल है उस परमात्मा का*
*लिखता भी वही है मिटाता भी वही है*
*भटकाता है राह तो दिखाता भी वही है*
*उलझाता भी वही सुलझाता भी वही है*
*जिंदगी की मुश्किल घड़ी में*
*दिखता भी नहीं मगर*
*साथ देता भी वही हैं*
*भाग्य प्राप्ति के लिए सत्कर्म आवश्यक है*
*कोई भी इंसान अपनी माता के*
*पुण्य से सुशील होता है*
*पिता के पुण्य से चतुर होता है*
*वंश के पुण्य से उदार होता है*
*और अपने स्वयं के पुण्य होते है*
*तभी वो भाग्यवान होता है*
*पिता द्वारा पीटा गया पुत्र*
*और हथौड़े से पीटा गया सोना*
*अवश्य आभूषणरुप ही बनता है*
☘ *सुप्रभात* ☘