Quotes by Girish G Patel in Bitesapp read free

Girish G Patel

Girish G Patel

@girish25872gmail.com3444


*प्रातः वंदन* 🙏🏽

*दौलत से सिर्फ सुविधायें*
*मिलती हैं सुख नहीं*
*सुख मिलता है आपस के प्यार से*
*और,,,अपनों के साथ से*
*अगर सिर्फ सुविधाओं से*
*सुःख मिलता तो धनवान लोगों को*
*कभी दुःख न होता*
*सत्य को परेशान जरूर किया जा सकता है*
*लेकिन पराजित नही किया जा सकता*
*अगर किसी परिस्थिति के लिए*
*आपके पास सही शब्द नहीं है*
*तो सिर्फ मुस्कुरा दीजिये,*
*शब्द उलझा सकते है पर*
*मुस्कुराहट हमेशा काम कर जाती है*
🌹 *सुप्रभात* 🌹

Read More

*प्रातः वंदन* 🙏🏽

*परिस्थिति की पाठशाला ही*
*इंसान को वास्तविक शिक्षा देती है*
*आज के जमाने में*
*दिल का साफ़ होना भी गुनाह है*
*हर इंसान बस*
*फायदा उठाने की सोचता है*
*दुनिया में आप को*
*डुबाने के लिए ऐसे लोग भी बैठे होगे*
*जिनको तैरना आपने ही सिखाया होगा*
*हमेशा बुरे कर्मों की वजह से ही दुखं मिलते हैं*
*पर कई बार हद से ज्यादाअच्छे होने की*
*भी कीमत चुकानी पड़ जाती हैं*
*ऐसी कठिन परिस्थितियों में*
*संघर्ष करने पर एक*
*बहुमूल्य संपत्ति विकसित होती हैं*
*जिसका नाम है आत्मबल*
*सब से कठीन काम है सब को खुश रखना*
*सब से आसान काम है सब से खुश रहना*

🌷 *सुप्रभात* 🌷

Read More

*प्रातः वंदन* 🙏🏽


*सुख व् दुःख का दाता*
*ईश्वर नहीं है*
*ये सब तुम्हारे द्वारा ही*
*दिए और लिए जातें है*
*यह विश्व तो अंतर संबंधों*
*से जुड़ा है आप जो देते हो*
*वही वापस आता है*
*किसी जीव का वध*
*अपने स्वयं का वध है*
*जीव पर की गई दया*
*स्वयं पर की गई दया है*
*अस्तित्व तो हमारे ही*
*कर्मों की प्रतिध्वनि है*
*आप जो करते हो वह*
*कई गुणा हो कर आप*
*पर लौटता है*

🌹 *सुप्रभात* 🌹

Read More

*प्रातः वंदन* 🙏🏽

*हम जहाँ प्रार्थना करते है,*
*सिर्फ वहीं ईश्वर नही होता*
*ईश्वर वहाँ भी होता है,*
*जहाँ हम गुनाह करते है*
*अपने हौसलों को ये खबर करते रहो*
*ज़िंदगी मंज़िल नहीं सफर है करते रहो*
*प्रेम की धारा बहती है जिस दिल में*
*चर्चा उसकी होती है हर महफ़िल में*
*ज़िंदगी ऐसी पाठशाला है जहाँ*
*क्लास बदलती रहती है ,*
*परन्तु विषय नही बदलते*
*कौन कहता है,*
*ख़ामोशियाँ' ख़ामोश होती हैं*
*कभी कभी ख़ामोशियों को भी सुनो*
*ख़ामोशियाँ वो कह देती हैं*
*जिनकी लफ़्जों को तलाश होती है*

🌹 *सुप्रभात* 🌹

Read More

*प्रातः वंदन* 🙏🏽

*चाहे कितने भी भारी भारी शब्दों से*
*सजावट कर के सुविचार भेज दे*
*यदि आंखों में स्नेह,*
*होठों पर मुस्कान,*
*ह्रदय में सरलता और करुणा*
*नहीं तो सब कुछ व्यर्थ है*
*ऊँची आवाज में तो वो चिल्लाते हैं*
*जिन्हें झूठ बोलना होता है।*
*सच तो धीमें स्वर में कहो तो भी*
*पूरे ब्रह्माण्ड में गूंजता है।*
*अपने क़िरदार की हिफाज़त,*
*जान से बढ़कर कीजिये*
*क्यों कि इसे ज़िन्दगी के बादभी*
*याद किया जाता है*

☘ *सुप्रभात* ☘

Read More

*प्रातः वंदन* 🙏🏽

*जिंदगी मे चुनौतियाँ*
*हर किसी के हिस्से नहीं आतीं*
*क्यूंकि किस्मत भी*
*किस्मतवालो को ही आज़माती है*
*पैसे या ओहदे से बडा होना*
*कोई मायने नहीं रखते*
*सही मायने में बड़ा आदमी वही है*
*जो अपने पास बैठे व्यक्ति को*
*छोटा महसूस होने न दे*
*कोई तराज़ू नहीं होता*
*रिश्तों का वज़न तोलने के लिए*
*परवाह बताती है कि*
*ख्याल का पलड़ा कितना भारी है.*
*लोगों को भरपूर सम्मान दीजिये*
*इसलिए नहीं कि उनका अधिकार है*
*बल्कि इसलिए कि आपमें संस्कार है*

🌸 *सुप्रभात* 🌸

Read More

*मोदीजी* बिना किसी को दोष दिए अपना कार्य कर रहे हैं, *श्रीरामजी* की तरह...

*योगीजी* समाचार सुनते ही तुरन्त कार्यवाही कर रहे हैं, *लक्ष्मणजी* की तरह...

*अमित शाहजी* अपनी अलग कुटिया से शासन कर रहे हैं, *राजा भरत* की तरह...

*पुलिस, प्रशासन* Lockdown के पालन के नई प्रणाली निर्मित कर रहा है, *नल-नील* की तरह...

हमारे *स्वास्थ्य कर्मवीर* कोरोना पीड़ितों को संजीवनी देकर जीवन बचा रहे हैं, *हनुमानजी* की तरह *(NNI)*

और हम निःस्वार्थ सेवा कर रहे हैं, *वानर-सेना* की तरह...

🙏🚩 *जय श्रीरामजी*🚩🙏

Read More

*प्रातः वंदन* 🙏🏽

*हमें अक्सर महसूस होता है*
*कि दूसरों का जीवन अच्छा है लेकिन*
*हम ये भूल जाते है कि*
*उनके लिए हम भी दूसरे ही है*
*अधिक सुख के लालच में,*
*कभी-कभी नये दु:ख का जन्म होता है*
*श्रेष्ठता का आधार कोई ऊँचे*
*आसन पर बैठना नही होता*
*श्रेष्ठता का आधार हमारी ऊँची*
*सोच पर निर्भर करता है*
*सफ़र में धूप बड़ी काम आई*
*छांव अगर होती तो*
*कदम रुक गये होते.!!*

🌷 *सुप्रभात* 🌷

Read More

*प्रातः वंदन* 🙏🏽

*अजीब खेल है उस परमात्मा का*
*लिखता भी वही है मिटाता भी वही है*
*भटकाता है राह तो दिखाता भी वही है*
*उलझाता भी वही सुलझाता भी वही है*
*जिंदगी की मुश्किल घड़ी में*
*दिखता भी नहीं मगर*
*साथ देता भी वही हैं*
*भाग्य प्राप्ति के लिए सत्कर्म आवश्यक है*
*कोई भी इंसान अपनी माता के*
*पुण्य से सुशील होता है*
*पिता के पुण्य से चतुर होता है*
*वंश के पुण्य से उदार होता है*
*और अपने स्वयं के पुण्य होते है*
*तभी वो भाग्यवान होता है*
*पिता द्वारा पीटा गया पुत्र*
*और हथौड़े से पीटा गया सोना*
*अवश्य आभूषणरुप ही बनता है*

☘ *सुप्रभात* ☘

Read More