The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
*प्रातः वंदन* 🙏🏽 *दौलत से सिर्फ सुविधायें* *मिलती हैं सुख नहीं* *सुख मिलता है आपस के प्यार से* *और,,,अपनों के साथ से* *अगर सिर्फ सुविधाओं से* *सुःख मिलता तो धनवान लोगों को* *कभी दुःख न होता* *सत्य को परेशान जरूर किया जा सकता है* *लेकिन पराजित नही किया जा सकता* *अगर किसी परिस्थिति के लिए* *आपके पास सही शब्द नहीं है* *तो सिर्फ मुस्कुरा दीजिये,* *शब्द उलझा सकते है पर* *मुस्कुराहट हमेशा काम कर जाती है* 🌹 *सुप्रभात* 🌹
*प्रातः वंदन* 🙏🏽 *परिस्थिति की पाठशाला ही* *इंसान को वास्तविक शिक्षा देती है* *आज के जमाने में* *दिल का साफ़ होना भी गुनाह है* *हर इंसान बस* *फायदा उठाने की सोचता है* *दुनिया में आप को* *डुबाने के लिए ऐसे लोग भी बैठे होगे* *जिनको तैरना आपने ही सिखाया होगा* *हमेशा बुरे कर्मों की वजह से ही दुखं मिलते हैं* *पर कई बार हद से ज्यादाअच्छे होने की* *भी कीमत चुकानी पड़ जाती हैं* *ऐसी कठिन परिस्थितियों में* *संघर्ष करने पर एक* *बहुमूल्य संपत्ति विकसित होती हैं* *जिसका नाम है आत्मबल* *सब से कठीन काम है सब को खुश रखना* *सब से आसान काम है सब से खुश रहना* 🌷 *सुप्रभात* 🌷
*प्रातः वंदन* 🙏🏽 *सुख व् दुःख का दाता* *ईश्वर नहीं है* *ये सब तुम्हारे द्वारा ही* *दिए और लिए जातें है* *यह विश्व तो अंतर संबंधों* *से जुड़ा है आप जो देते हो* *वही वापस आता है* *किसी जीव का वध* *अपने स्वयं का वध है* *जीव पर की गई दया* *स्वयं पर की गई दया है* *अस्तित्व तो हमारे ही* *कर्मों की प्रतिध्वनि है* *आप जो करते हो वह* *कई गुणा हो कर आप* *पर लौटता है* 🌹 *सुप्रभात* 🌹
*प्रातः वंदन* 🙏🏽 *हम जहाँ प्रार्थना करते है,* *सिर्फ वहीं ईश्वर नही होता* *ईश्वर वहाँ भी होता है,* *जहाँ हम गुनाह करते है* *अपने हौसलों को ये खबर करते रहो* *ज़िंदगी मंज़िल नहीं सफर है करते रहो* *प्रेम की धारा बहती है जिस दिल में* *चर्चा उसकी होती है हर महफ़िल में* *ज़िंदगी ऐसी पाठशाला है जहाँ* *क्लास बदलती रहती है ,* *परन्तु विषय नही बदलते* *कौन कहता है,* *ख़ामोशियाँ' ख़ामोश होती हैं* *कभी कभी ख़ामोशियों को भी सुनो* *ख़ामोशियाँ वो कह देती हैं* *जिनकी लफ़्जों को तलाश होती है* 🌹 *सुप्रभात* 🌹
*प्रातः वंदन* 🙏🏽 *चाहे कितने भी भारी भारी शब्दों से* *सजावट कर के सुविचार भेज दे* *यदि आंखों में स्नेह,* *होठों पर मुस्कान,* *ह्रदय में सरलता और करुणा* *नहीं तो सब कुछ व्यर्थ है* *ऊँची आवाज में तो वो चिल्लाते हैं* *जिन्हें झूठ बोलना होता है।* *सच तो धीमें स्वर में कहो तो भी* *पूरे ब्रह्माण्ड में गूंजता है।* *अपने क़िरदार की हिफाज़त,* *जान से बढ़कर कीजिये* *क्यों कि इसे ज़िन्दगी के बादभी* *याद किया जाता है* ☘ *सुप्रभात* ☘
*प्रातः वंदन* 🙏🏽 *जिंदगी मे चुनौतियाँ* *हर किसी के हिस्से नहीं आतीं* *क्यूंकि किस्मत भी* *किस्मतवालो को ही आज़माती है* *पैसे या ओहदे से बडा होना* *कोई मायने नहीं रखते* *सही मायने में बड़ा आदमी वही है* *जो अपने पास बैठे व्यक्ति को* *छोटा महसूस होने न दे* *कोई तराज़ू नहीं होता* *रिश्तों का वज़न तोलने के लिए* *परवाह बताती है कि* *ख्याल का पलड़ा कितना भारी है.* *लोगों को भरपूर सम्मान दीजिये* *इसलिए नहीं कि उनका अधिकार है* *बल्कि इसलिए कि आपमें संस्कार है* 🌸 *सुप्रभात* 🌸
*मोदीजी* बिना किसी को दोष दिए अपना कार्य कर रहे हैं, *श्रीरामजी* की तरह... *योगीजी* समाचार सुनते ही तुरन्त कार्यवाही कर रहे हैं, *लक्ष्मणजी* की तरह... *अमित शाहजी* अपनी अलग कुटिया से शासन कर रहे हैं, *राजा भरत* की तरह... *पुलिस, प्रशासन* Lockdown के पालन के नई प्रणाली निर्मित कर रहा है, *नल-नील* की तरह... हमारे *स्वास्थ्य कर्मवीर* कोरोना पीड़ितों को संजीवनी देकर जीवन बचा रहे हैं, *हनुमानजी* की तरह *(NNI)* और हम निःस्वार्थ सेवा कर रहे हैं, *वानर-सेना* की तरह... 🙏🚩 *जय श्रीरामजी*🚩🙏
*प्रातः वंदन* 🙏🏽 *हमें अक्सर महसूस होता है* *कि दूसरों का जीवन अच्छा है लेकिन* *हम ये भूल जाते है कि* *उनके लिए हम भी दूसरे ही है* *अधिक सुख के लालच में,* *कभी-कभी नये दु:ख का जन्म होता है* *श्रेष्ठता का आधार कोई ऊँचे* *आसन पर बैठना नही होता* *श्रेष्ठता का आधार हमारी ऊँची* *सोच पर निर्भर करता है* *सफ़र में धूप बड़ी काम आई* *छांव अगर होती तो* *कदम रुक गये होते.!!* 🌷 *सुप्रभात* 🌷
*प्रातः वंदन* 🙏🏽 *अजीब खेल है उस परमात्मा का* *लिखता भी वही है मिटाता भी वही है* *भटकाता है राह तो दिखाता भी वही है* *उलझाता भी वही सुलझाता भी वही है* *जिंदगी की मुश्किल घड़ी में* *दिखता भी नहीं मगर* *साथ देता भी वही हैं* *भाग्य प्राप्ति के लिए सत्कर्म आवश्यक है* *कोई भी इंसान अपनी माता के* *पुण्य से सुशील होता है* *पिता के पुण्य से चतुर होता है* *वंश के पुण्य से उदार होता है* *और अपने स्वयं के पुण्य होते है* *तभी वो भाग्यवान होता है* *पिता द्वारा पीटा गया पुत्र* *और हथौड़े से पीटा गया सोना* *अवश्य आभूषणरुप ही बनता है* ☘ *सुप्रभात* ☘
Copyright © 2024, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser