ये जो जहर है हर मर्ज की दवा है,
यूं कब तक मेरे महबूब अश्कों का सहारा लोगे,
बूंद पानी की बाजुओं पे बिखरने दो जरा,
या खिड़कियों स हीे बारिश का नजारा लोगे,
काट लोगे सारी उम्र किसी दिये के शय की में,
या आसमां से चमकता हुआ सितारा लोगे,
मेरी हर आरज़ू हर ख़्वाब लूटने वालों,
सुना है कि अब जान हमारी लोगे,
हमे यकीं है जब हम डूबने की शक्ल में होंगे,
मेरी जान तुम दरिया का किनारा लोगे,
फिर से कोई गुरबत नई तारीख न लिख दे,
मुझे मालूम है तुम दौलत का सहारा लोगे...