सफ़र पर हूं, के लगता नहीं मुनासिब के ये सफ़र फ़िर नसीब हो।
मंज़िल की खोज में रास्ते पर हूं, के लगता नहीं मुनासिब के ये मंजिल नसीब हो।
शोर के बीच ख़ामोशिया से बतिया रहा हूं , के लगता नहीं मुनासिब के ये बाते फ़िर नसीब हो।
वक़्त की बेरुखी के बीच कुछ खुशियों की तलाश पर हूं, के लगता नहीं मुनासिब के ये चंद खुशियां नसीब हो।