Hindi Quote in Gandhigiri by Himanshu Parmar

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# Gandhigiri

नही हुं मैं गांधी

उस समय की यह बात है,
जब नही थे पैरों मे महंगें जूते, नही थी अपनी जमीं,
पर थे दिल सोने के,थे दिलोमें वतन के लिए शोले,
आज वो आग बूझ सी गई है, खलती है तुम्हारी कमी,
बापू आज तुम भी कहते,'चल भाई साथ में कही रोले।'

बंध करो यह फरेब सारा, मत कहो मुझे महात्मा,
जरा खोजो अपने भीतर की सोई हूई आत्मा,
ये कैसी आजादी, की तुम हर फरेब पर खामोश हो,
सब हवस, सारें काले कामों का करदो तुम खात्मा ।
अगर अभी भी सिर जुकाऐ सब सेहते हो तुम,
तो आज सही माइनो में मरा हूं मैं,नही हुं मैं गांधी ना ही मैं अब से महात्मा ।

Hindi Gandhigiri by Himanshu Parmar : 111260525
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