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#prenadayak
देख ज़रा
क्यु उदास है तु, मुश्किलें भी टल जाएगी,
मुस्कुरा कर देख कर ज़रा।
सपनें पुरे होंगे मंजिले साफ़ दिखेंगी,
आखों से बहते आँसु पोछ कर देख ज़रा।
किसे पता कल हो न हो, आज के गमों
को भुलकर
मस्ती के गोते खा कर देख ज़रा।
क्या हुआ अगर आज हारा है तु,
कल ज़रुर जितेगा, ये सोचकर आगे
बढ़
जिंदगी कल कुछ और होगी, एक बार हौसले को बुलंद
कर के देख ज़रा।
किस्मत के भरोसे क्यों है तु ख्वाब पुरे होंगे
अपनी किस्मत खुद लिखकर देख ज़रा।
हर पल खुद को कमज़ोर मानता है
कमज़ोर नही हुँ यह सोच, सपनें उड़ान भरेंगे।
खोल कर अपनें पर सारे देख ज़रा।
दु:ख-सुख एक सिक्के दो पहलु है, सुख और
दु:ख का यह ताना-बाना विकाश कि एक परिपाटी है,
द:ख-सुख जीवन में आते है कुख सिखलाने वो,
इमसे कुख सिख कर देख ज़रा।
यह मत सोच की मैं कितना बदकिस्मत हुँ,
कि तकलिफे मुझसे दुर जाती नही
बल्कि यह सोच की मैं कितना खुदकिस्मत हुँ,
कि तकलीफें मेरी जिंदगी में बार-बार दस्तक
देती है,
तकलीफे आती है तो खुशियाँ देकर जाती है,
एक बार इन तकलीफो से मुस्कुरा कर देखा ज़रा।
आज अकेला है तु पर कल पुरा संसार तुझे पुछेगा,
बस एक बार मुस्कुरा कर नई जिंदगी को गले लगा कर
देख ज़रा।