देव भूमि उत्तराखंड
उत्तराखंड राज्य अपने भारत देश मै एक विशेष महत्व रखता है यह हमारे देश की देवभूमि मानी जाती है
यहा ंकी संस्कृति पूरे भारतवर्ष में एक अदभुत स्थान रखती है
भारत के प्रसिद्ध धाम बद्रीनाथ केदारनाथ गंगोतरी यमनोत्री जो कि भारत मै ही नहीं बल्कि विदशो मै भी प्रसिद्ध है देवभूमि उत्तराखंड मै है चरो धामों मै ६ महनो तक पूजा की जाती है ;और सरध ऋतु में ब्रफ से ढके रहते है ! यह पर लोग हर साल देश विदेश से हजरो की संख्या में दर्शन के लिए आते है!
हरी जो की भगवान विष्णु का परचलती नमो मै से एक है हरी का द्वार हरिद्वार यहा पर १२ महीनों सर्दलुओं की भीड़ गंगा मां के पानी से पवित्र और पाप धोने वाली मा गंगा की पूजा आर्चन करने आते है!
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सुध हवा पानी रोचक मनहोर दिरिस्य अत्यंत मनमोहक और लुभावने होते है!
मसूरी पर्यटक स्थल है जंहा ग्रीष्मकालीन मै पर्यटकों का जमवाड़ा लगा रहता है पहाड़ की ऊंची ऊंची चोटी हरे भरे बुग्याल घने पेड़ों का जंगल झरने नदी पर्यटकों को लुभाते है और सर्द ऋतु में यह पर विंटर लाइन होती है बहुत तेज कड़के की थंड पड़ती है यहां अपने उत्रखंड में प्रमुख पर्यटक स्थल है।
देवभूमि उत्तराखंड में एशिया का सबसे बड़ा बांध टिहरी बांध अपने में एक विशेष महत्त्व रखता है।
उत्तराण्ड में १३ जिले है दो मंडल गडवाल मंडल ऑर कुमहाऊ मंडल है यह बोली जनी वाली भाषा बोली समन्यत हिंदी है वैसे अपनी गडवाली ऑर कुमवानी बोली भाषा बोली जाती है पर्वतीय क्षेत्रों में सीढ़ीदार खेतो मैं धान गेहूं कोदा जंगोरा गहत लोबिया तौर तिल सर्नशो ओर भी अधिक उत्पादन होता है ।
जय देवभूमि..