मैं यह कहानी दोबारा लिख रही हूँ, लेकिन इस बार बिल्कुल वैसे, जैसे मैंने इसे अपने दिल में महसूस किया था। मेरी पहले की कहानी "दिल से दिल तक: एकतरफा सफर" से यह काफी मिलती-जुलती होगी, लेकिन इस बार यह और गहरी होगी, और भी ज्यादा भावनाओं से भरी हुई। यह वही कहानी है, लेकिन अब मैं इसे वैसे शब्दों में पिरोऊँगी, जैसे मैंने इसे अपने मन में जिया था—हर एहसास को, हर भावना को और भी खूबसूरती से व्यक्त करते हुए। कुछ किस्से वही रहेंगे, लेकिन इस बार वे और ज्यादा जीवंत होंगे, क्योंकि मैं इसे केवल लिख नहीं रही, बल्कि जी रही हूँ।
दिल ने जिसे चाहा - 1
मैं यह कहानी दोबारा लिख रही हूँ, लेकिन इस बार बिल्कुल वैसे, जैसे मैंने इसे अपने दिल में महसूस था। मेरी पहले की कहानी "दिल से दिल तक: एकतरफा सफर" से यह काफी मिलती-जुलती होगी, लेकिन इस बार यह और गहरी होगी, और भी ज्यादा भावनाओं से भरी हुई।यह वही कहानी है, लेकिन अब मैं इसे वैसे शब्दों में पिरोऊँगी, जैसे मैंने इसे अपने मन में जिया था—हर एहसास को, हर भावना को और भी खूबसूरती से व्यक्त करते हुए। कुछ किस्से वही रहेंगे, लेकिन इस बार वे और ज्यादा जीवंत होंगे, क्योंकि मैं इसे केवल लिख नहीं रही, ...Read More
दिल ने जिसे चाहा - 2
रुशाली की ज़िंदगी उतनी ही सादी थी, जितनी उसकी सोच। न उसे बनावटी खूबसूरती की फिक्र थी, न ही चिंता कि कोई उसे पसंद करता है या नहीं। लेकिन कहीं न कहीं, उसके दिल के किसी कोने में एक ख्वाहिश जरूर थी—एक ऐसे प्यार की, जो सिर्फ उसकी सादगी के लिए हो, न कि उसकी शक्ल-सूरत के लिए।रुशाली अक्सर सोचती की शायद कोई होता जो उसके लिए छोटी-छोटी चीज़ें करता, बस इस उम्मीद में कि वो नोटिस कर लें। लेकिन रुशाली के लिए ऐसा कोई नहीं था।उसने कई बार फिल्मों में देखा था कि कोई हीरोइन बारिश में भीगते ...Read More
दिल ने जिसे चाहा - 3
रुशाली की ज़िंदगी ठीक-ठाक चल रही थी। वह एक खुशमिजाज लड़की थी, जिसे अब तक न तो किसी से हुआ था और न ही कोई उसे पसंद करता था। उसने कभी नहीं सोचा था कि उसकी ज़िंदगी में जो होने वाला है, वह उसकी पूरी दुनिया बदल देगा।कुछ दिनों बाद ही एक घटना घटी जिसने उसकी खुशहाल ज़िंदगी में तूफान ला दिया। उसके पापा की तबीयत अचानक खराब होने लगी। घर में सभी परेशान थे। डॉक्टर से दिखाने पर भी कोई राहत नहीं मिली, और कुछ ही हफ्तों में उसके पापा का निधन हो गया। यह खबर उसके लिए ...Read More
दिल ने जिसे चाहा - 4
रुशाली उस अस्पताल के जनरल वार्ड में रात के लगभग तीन से साढ़े तीन बजे अपनी माँ के पास थी। माहौल एकदम शांत था, केवल मशीनों की हल्की आवाज़ें और दूर से आती अस्पष्ट आवाज़ें सुनाई दे रही थीं। उसकी आँखों में नींद थी लेकिन माँ की चिंता के कारण वह सो नहीं पा रही थी। तभी अचानक उसे हल्की सी आहट सुनाई दी। उसने सिर घुमाकर देखा तो एक युवक वार्ड में दाखिल हुआ। उसकी चाल में आत्मविश्वास था, लेकिन चेहरा बेहद शांत और गंभीर। उसने रुशाली की माँ की ओर देखा और बड़े ही नर्म लहजे में ...Read More