Dil ne jise Chaha - 4 in Hindi Love Stories by R B Chavda books and stories PDF | दिल ने जिसे चाहा - 4

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दिल ने जिसे चाहा - 4

रुशाली उस अस्पताल के जनरल वार्ड में रात के लगभग तीन से साढ़े तीन बजे अपनी माँ के पास बैठी थी। माहौल एकदम शांत था, केवल मशीनों की हल्की आवाज़ें और दूर से आती अस्पष्ट आवाज़ें सुनाई दे रही थीं। उसकी आँखों में नींद थी लेकिन माँ की चिंता के कारण वह सो नहीं पा रही थी। तभी अचानक उसे हल्की सी आहट सुनाई दी। उसने सिर घुमाकर देखा तो एक युवक वार्ड में दाखिल हुआ। उसकी चाल में आत्मविश्वास था, लेकिन चेहरा बेहद शांत और गंभीर। उसने रुशाली की माँ की ओर देखा और बड़े ही नर्म लहजे में कहा, "अभी तक खून की बोतल खत्म नहीं हुई?"

यह कहकर उसने किसी को इशारा किया और बोतल को थोड़ा तेज़ करने को कहा ताकि खून जल्दी से चढ़ सके और रुशाली की माँ को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जा सके। वह लड़का बेहद आकर्षक था। हल्की दाढ़ी, तीखी नाक, गहरी भूरी आँखें जो किसी को भी मोह सकती थीं। उसके चेहरे पर एक अलग सी गंभीरता थी, लेकिन आँखों में एक सुकून देने वाली चमक थी। उसकी लंबी, सधी हुई कद-काठी और आत्मविश्वास से भरी बॉडी लैंग्वेज उसे और भी प्रभावशाली बना रही थी।

रुशाली आमतौर पर किसी लड़के को इतनी बारीकी से नहीं देखती थी, लेकिन इस लड़के को उसने ध्यान से देखा। उसके गले में स्टेथोस्कोप था, लेकिन उस समय वह इतनी उलझन में थी कि यह सोचने की स्थिति में नहीं थी कि वह लड़का डॉक्टर है या अस्पताल का कोई अन्य कर्मचारी।

रात के चार बजे तक खून की बोतल खत्म हो चुकी थी और अब उसकी माँ को अस्पताल के चौथे माले पर स्थित दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। वहाँ उसकी माँ को एक नया बेड मिला और रुशाली भी उनके पास एक कुर्सी खींचकर बैठ गई। बैठते-बैठते ही उसे झपकी आ गई। उसके साथ उसके नाना भी थे। अस्पताल का नियम था कि सुबह छह बजे तक सभी को उठा दिया जाता था, ताकि डॉक्टरों का राउंड ठीक से हो सके। एक कर्मचारी आया और सभी मरीजों और उनके परिजनों को जगाया, यह कहते हुए कि अब कोई वरिष्ठ डॉक्टर राउंड पर आने वाले हैं।

रुशाली जागी और उसने अपनी माँ को भी उठाया। उसके नाना चाय लेने चले गए। तभी अचानक उसके मन में उस लड़के की छवि उभर आई। वह सोचने लगी कि वह अस्पताल में क्या काम करता होगा? क्या वह फिर से उसे दिखेगा?

तभी वही लड़का फिर से वार्ड में दाखिल हुआ। अब भी रुशाली को उसका नाम नहीं पता था, लेकिन वह उसे बस निहारती रह गई। उसकी गहरी भूरी आँखें, मासूम चेहरा, लंबी कद-काठी, और हल्की सी प्यारी मुस्कान—सबकुछ उसे मंत्रमुग्ध कर रहा था। उसने देखा कि उसने लाल और पीले रंग का धागा हाथ में बांधा हुआ था। ऐसा लग रहा था कि वह उसके व्यक्तित्व को धीरे-धीरे समझने लगी थी।

उसकी चाल में एक अलग सा ठहराव था, एक संयम जो उसे औरों से अलग बना रहा था। उसके चेहरे पर गंभीरता और विनम्रता का मिश्रण था। उसने हल्के पिस्ता रंग की शर्ट पहनी थी, जिसके बाजू हल्के मोड़े हुए थे। उसके हाथों में एक साधारण लेकिन सुंदर घड़ी थी, और पैरों में सादी चप्पलें। उसके कपड़ों की सादगी और उसकी आँखों की गहराई ने रुशाली को अंदर तक प्रभावित कर दिया था। ऐसा लग रहा था जैसे वह लड़का केवल एक डॉक्टर नहीं, बल्कि एक बहुत ही संवेदनशील और कोमल हृदय का इंसान भी था।

इस बार उसने गौर किया कि वह मरीजों के पास जाकर उनकी जांच कर रहा था। तभी उसे एहसास हुआ कि यह लड़का वास्तव में एक डॉक्टर है। लेकिन फिर भी, उसके बारे में जानने के लिए अभी बहुत कुछ बाकी था।

कुछ ही देर बाद वह लड़का रुशाली की माँ के पास आया। उसने उनका पूरा चेकअप किया और कहा, "अब बड़े डॉक्टर आएंगे, वे ही आगे की स्थिति देखेंगे।" उसकी आवाज़ बेहद नरम और भरोसेमंद थी। जब उसने बोलते हुए अपनी हल्की मुस्कान बिखेरी, तो रुशाली का दिल एक अनजाने एहसास से भर गया। वह बस उसे देखती रही, जैसे किसी गहरी किताब के हर पन्ने को पढ़ने की कोशिश कर रही हो।

इसके बाद, रुशाली ने अपनी माँ को नाश्ता कराया और खुद भी कुछ खाया। थोड़ी देर बाद, वरिष्ठ डॉक्टरों के राउंड का समय हो गया। जब बड़े डॉक्टर आए, तो उनके साथ वही लड़का भी था। वरिष्ठ डॉक्टर ने रुशाली की माँ की गंभीर बीमारी के बारे में बताया, जिसे सुनकर रुशाली को गहरा दुःख हुआ। लेकिन इसके बावजूद, उसका ध्यान कहीं न कहीं उस लड़के पर भी था। वह उसे देखती रही और उसके बारे में और अधिक जानने की जिज्ञासा से भर गई।

पर सवाल यह था कि उसे उस लड़के का नाम कैसे पता चलेगा? वह बहुत ही साधारण और विनम्र लग रहा था। वह डॉक्टर होने के बावजूद बहुत ज़मीन से जुड़ा हुआ इंसान लग रहा था।

रुशाली उलझन में थी। उसके दिल में बस एक ही बात थी कि वह फिर से उसे देख सके और उसके बारे में और अधिक जान सके। उसकी मन में हजारों सवाल थे—क्या उसका नाम उतना ही खूबसूरत होगा जितना वह खुद दिखता था? क्या वह हमेशा ऐसे ही गंभीर रहता है या उसके अंदर कोई मज़ाकिया और चुलबुली दुनिया भी छिपी हुई है?

अब सवाल यह था कि क्या अगले भाग में रुशाली को उस डॉक्टर का नाम पता चलेगा? क्या वह खुद अपने बारे में कुछ बताएगा या फिर किसी और से उसकी जानकारी मिलेगी?

जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग!