कुछ दिन बीते…
रुशाली और मयूर सर के बीच अब एक अजीब सी मगर प्यारी सी दोस्ती पनपने लगी थी।
वो जो पहले सिर्फ "सर और इंटर्न" का रिश्ता था, अब उसमें अपनापन घुलने लगा था।
कभी हँसी-मज़ाक… तो कभी छुपी नज़रों की बातचीत।
और हाँ, रुशाली की शरारतें भी अब मयूर सर को मुस्कुराने पर मजबूर कर देती थीं।
1st जुलाई — डॉक्टर डे।
आज की सुबह कुछ अलग थी।
रुशाली ने अपना फेवरेट कलर — सफेद पहन रखा था।
सफेद कुर्ता, सिंपल मगर शालीन… उसके चेहरे पर एक अलग ही आत्मविश्वास छलक रहा था।
"जब तुम अपने फेवरिट कपड़े पहनते हो,
तो दिल भी आईने जैसा साफ़ लगने लगता है..."
रुशाली आज बहुत खुश थी।
सोचा — आज सबसे पहले डॉक्टर डे की शुभकामना दूँगी डॉ. अकड़ू को — यानी मयूर सर को।
और… उन्हें बताऊँगी कि मैं उनकी कितनी बड़ी फैन हूँ!
मुझे उन पर कितना गर्व है...
ऑटो पकड़ा ही था कि रास्ते में फूलों की दुकान दिखी।
एक पल को ठिठकी… और फिर सोचा — "क्यों न सर के लिए एक फूल ले लूँ?"
पर कौन-सा?
लाल गुलाब...? नहीं…
उसने चुना सफेद गुलाब।
"लाल गुलाब कह देता है दिल की बात,
पर सफेद में छिपी होती है दिल की इज़्ज़त…"
रुशाली ने सफेद गुलाब लिया — एकदम ताज़ा, नर्म और खुशबूदार।
क्योंकि मयूर सर को देने के लिए वही सबसे उपयुक्त लगा…
अस्पताल — सुबह क़रीब 9:20 बजे
रुशाली सीधे उनके केबिन की ओर बढ़ी।
दिल हल्का-सा धड़क रहा था…
ठक-ठक...
दरवाज़ा खटखटाया।
मयूर सर (अंदर से): "Come in..."
दरवाज़ा खोला…
और रुशाली की आँखें ठिठक गईं।
आज मयूर सर ने भी सफेद शर्ट पहन रखी थी।
बाँहें थोड़ी-सी मुड़ी हुईं, हाथ में स्टेथोस्कोप, और वही पुरानी प्यारी मुस्कान जो हर बार की तरह दिल को छू गई…!
मयूर सर की भी नज़र रुशाली पर पड़ी…
मयूर सर (हँसते हुए):
"वाह! आज तो आपने मुझसे मैच कर लिया... सफेद रंग में तो हम दोनों एक जैसे लग रहे हैं।"
रुशाली (मुस्कुराकर):
"Good Morning, Sir!"
मयूर सर:
"Very Good Morning, Rushali....
और सच कहूँ तो, आप पर ये रंग बहुत ख़ूबसूरत लग रहा है।" You're looking gorgeous. 😊
रुशाली (थोड़ी झेंपते हुए):
"Thank You Sir..... वैसे ये मेरा पसंदीदा रंग है..."
मयूर सर:
"तभी तो आज आप कुछ अलग-सी लग रही हैं... बेहद प्यारी।"
रुशाली:
"वैसे सर, आप पर भी सफेद बहुत अच्छा लग रहा है। क्या ये आपका भी पसंदीदा रंग है?"
मयूर सर (हँसते हुए):
"नहीं... मुझे तो Black और Navy Blue पसंद है।
पर अब शायद सफेद भी अच्छा लगने लगेगा…!
शायद अब ये भी पसंदीदा बन जाए..."
(धीरे से कहा... शायद रुशाली ने सुना नहीं, पर हवाओं ने ज़रूर उस लफ़्ज़ को समेट लिया...)
रुशाली (अचानक याद आया):
"अरे सर! बातों-बातों में मैं तो आपको डॉक्टर डे की शुभकामनाएँ देना ही भूल गई…
Happy Doctor’s Day to you!
The best doctor I have ever met.
I’m your biggest fan, Sir… and honestly — I’m proud of you.
(इतना कहते-कहते उसके चेहरे पर मासूम चमक थी… और हाथ में सफेद गुलाब)
रुशाली (थोड़ा झिझकते हुए):
सर... ये आपके लिए...
(White rose की तरफ़ हाथ बढ़ाया)
मयूर सर (कुछ पल गुलाब को देखते रहे, फिर हल्के से मुस्कुराए):
Thank you so much Rushali…
This really means a lot to me.
" कुछ लोग बातें नहीं करते — पर उनकी खामोशी भी तोहफा होती है,
जैसे ये सफेद गुलाब — जिसमें मोहब्बत कम और इज़्ज़त ज्यादा होती है..."
"कभी-कभी फूलों से ज़्यादा,
देने वाले की नज़रों में मोहब्बत दिखती है…"
दोपहर तक सारा काम ख़त्म हो चुका था।
दोनों ने मिलकर आज फाइलें, डॉक्युमेंट्स और मरीजों की रिपोर्ट्स निपटा दी थीं।
अब वक्त था लंच ब्रेक का…
मयूर सर:
"रुशाली… आज तो डॉक्टर डे है।
क्या तुम मेरे साथ लंच करोगी?"
रुशाली (बिना देर किए):
"हाँ, बिल्कुल! क्यों नहीं…"
मयूर सर (खुश होकर):
"Great! चलो साथ चलते हैं…"
कैंटीन में
मयूर सर:
"तो बताओ, क्या खाओगी?"
रुशाली:
"जो आपको पसंद हो, वही खा लेंगे सर…"
मयूर सर (हँसते हुए):
"ऐसा क्यों?"
रुशाली (गंभीर होकर):
"आज आपका दिन है सर… डॉक्टर डे।
तो जो डॉक्टर साहब चाहें — वही खाएंगे।"
मयूर सर (मुस्कुराते हुए):
"तो फिर पंजाबी खाना मंगवाते हैं…
मुझे पंजाबी बहुत पसंद है ! मेरा favourite है...!
रुशाली (चहकते हुए):
"सच में सर…?? फिर तो वहीं खायेंगे!"
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खाना आ गया था।
दोनों एक ही टेबल पर आमने-सामने बैठे थे…
सामने रखी दो थालियाँ और बीच में सफेद गुलाब।
चुपचाप बैठे दो दिल...
पर दिलों में हलचल ज़रूर थी।
"लफ़्ज़ चुप थे, पर निगाहें बहुत कुछ कह रही थीं,
गुलाब की ख़ुशबू में आज कुछ और ही बहार थी…"
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अब आगे क्या...?
लंच के दौरान क्या बातें हुईं?
क्या मयूर सर ने कुछ ऐसा कहा जिससे रुशाली का दिल फिर से धड़क उठा?
या फिर रुशाली ने कोई बात छेड़ी, जिससे उनकी दोस्ती एक और क़दम आगे बढ़ी?
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ये सब जानेंगे — अगले भाग में।
"सफेद गुलाब की वो एक मुलाक़ात,
और दिलों के बीच होती नई शुरुआत..."
Lunch की वो मुलाक़ात अब अगली कड़ी में —
‘Dil Ne Jise Chaha – Part 12’ में…
Coming Soon! 🌸