अपराध ही अपराध

(3)
  • 4k
  • 0
  • 1.6k

‘इंटरव्यू के हाल में’ खूब भीड़ थी। बहुत सारे नौजवान हट्टे-कट्टे, छोटे- बड़े सुंदर, इंटरव्यू के लिए इंतजार करके खड़े लोगों को देखते हुए कार्तिका ने अंदर प्रवेश किया। ‘कार्तिका इंडस्ट्रीज’ नाम के कई 100 करोड़ सम्मानित संस्थाओं, की ‘जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर’ वह थी। वह 24 साल की एक सुंदर लड़की ऐसे एक बड़े पद पर होना निश्चित रूप से एक सकारात्मक बात ही…. और भी कई आश्चर्यचकित बातें उसमें थी। बालों को अच्छी तरह से संभाल कर चोटी बनाकर बालों में फूल लगाकर और इस जमाने के लड़कियों जैसे बिना कुछ लगाइए नहीं! उसने एक मटर के बराबर स्टीकर की बिंदी लगाई हुई थी। उसको देखकर कई युवाओं ने सोचा वह भी इंटरव्यू देने के लिए आई है पहले ऐसी सोचा। परंतु उसके पीछे ही एक आदमी ब्रीफकेस को लेकर जाते देखकर उन्हें लगा यहीं J.M.D., इस फैसले में वे आए। उनके पीछे ही ‘व्हीलचेयर’ में एक आदमी को अंदर लेकर गए।

New Episodes : : Every Monday, Wednesday, Thursday & Saturday

1

अपराध ही अपराध - भाग 1

इंदिरा सौंदराराजन इंदिरा सौंदराराजन तमिल के बहुत बड़े और प्रसिद्ध लेखक हैं। आपने बहुत से उपन्यास और कहानियां लिखीं इन्हें कई अवार्ड भी मिले हैं। मैंने इनके तमिल उपन्यास 'अपराध ही अपराध' का अनुवाद किया है। आशा है आप लोगों को बहुत पसंद आएगा। आदमी गलती करने के बाद चाहे तो सुधार भी सकता है। वह कैसे इस उपन्यास से जानिएगा। इसमें आखिर तक आपकी उत्सुकता बनी रहेगी। एस भाग्यम शर्मा शिक्षा एम.ए. अर्थशास्त्र, बी.एड., 28 वर्ष तक शिक्षण कार्य । पुस्तकें: कहानी संग्रह - नीम का पेड़, झूला, बेटी का पत्र। तमिल से हिंदी में अनूदित-बाल कथाएं, ...Read More

2

अपराध ही अपराध - भाग 2

(अध्याय 2) “बहुत अच्छी बात है, ‘पानीपत युद्ध कब हुआ? केनेडी को शूट करके करने वाले का नाम क्या हमेशा पूछने वाले प्रश्न आपने नहीं पूछा…थैंक्स,” वह बोला। बहुत ही आश्चर्य से उसे देख कार्तिका “फिर इस कप में कितनी मिट्टी के कण हैं आप करेक्ट बता देंगे?” बोली । “इसमें, 3 लाख 40 हजार 340 मिट्टी के कण हैं। आपको संदेह हो तो आप ही इसे गिन कर देख लीजिएगा,” कहकर उसके जवाब के लिए उसे ध्यान से देखने लगा धनंजयन । एक क्षण के लिए वह एकदम स्तंभित रह गई कार्तिका। फिर अपने को संभाल कर, “बिना ...Read More

3

अपराध ही अपराध - भाग 3

अध्याय 3 पिछला सारांश- ‘कार्तिका इंडस्ट्रीज’ संस्था के इंटरव्यू के लिए गए साइकोलॉजी मे पोस्ट डिग्री तक पढ़ें ‘यह काम ‘रिस्क’ वाला है। उनके हिस्सेदारी से उसको जीवन पर विपत्ति आ सकती है….’ऐसा कहकर तुम नौकरी करने को राजी हो पूछा। धनंजयन के सहमति के बाद उसको रहने के लिए अपार्टमेंट, ड्राइवर और एक कार के साथ 3 लाख रुपए वेतन के कहकर संस्थापक कृष्णा राज की लड़की कार्तिका के कहते ही उसे एक सुखद आघात हुआ- सुखद आघात से धीरे-धीरे धनंजय बाहर आया तो मुझे 3 लाख रुपए वेतन जिस पर वह विश्वास ना कर सकने के ...Read More

4

अपराध ही अपराध - भाग 4

अध्याय 4 “मैंने तो शुरू में ही बोल दिया… हम किसी भी बात के लिए कोर्ट और पुलिस नहीं जाते हैं।” “क्यों ऐसा, वे लोग फिर किस लिए हैं?” “उनके पास जाओ तो भी कई प्रश्न पूछेंगे। उसके जवाब देने के स्थान पर हम नहीं हैं।” “समझ रहा हूं…वह करोड़ रूपया काला धन है?” “किस पैसे वालों के पास आज काला धन नहीं है? सचमुच में वह अच्छा पैसा है। तिरुपति भगवान का ही है । उसका ही उस पर हक है उन्हीं के पास पहुंचना चाहिए।” “मैं कह रहा हूं उसे गलत मत लीजिएगा। उस भगवान के ...Read More

5

अपराध ही अपराध - भाग 5

अध्याय 5 पिछला सारांश- एक करोड़ रूपया तिरुपति के दान पेटी में डालना है। उसे संस्था की दूसरी हिस्सेदार नाम दामोदरन है, वे ही इसमें बांधा डालेंगे। कार्तिका के ऐसे कहने पर इसका कारण धनंजयन पूछता है। दामोदर के लड़के विवेक से शादी करने को मेरे मना करने के कारण एक करोड़ रूपया तिरुपति के दान पेटी में डालने जाते समय वे बाधा उत्पन्न करते हैं। दामोदर के जासूस बहुत है इस तरह की बातें कार्तिका ने बताया… धनंजयन की अम्मा सुशीला पापड़ों को धूप दिखा रही थी। सिलाई की मशीन में एक ब्लाउज की सिलाई करने में मगन ...Read More