अध्याय 41
पिछला सारांश:
अपनी अक्का को लड़की देखने रामकृष्णन के परिवारजन आए, तभी रामकृष्णन का हार्ट अटैक आया। इसमें दामोदरन को और उसके बेटे विवेक के बीच कोई संबंध होगा क्या पहले धनंजयन ने सोचा।
‘शुरू में जो अपशकुन हो रहा है ऐसा सोचा…’और वे लोग चिंता करने लगे। धनंजयन की अम्मा, अक्का शांति, उन लोगों को कहकर अस्पताल रवाना करती है। धनंजयन और कुमार दोनों अस्पताल पहुंचते हैं।
दामोदरन के कहे अनुसार डॉक्टर और रामकृष्णन दोनों जल्दी से शांति की शादी हो जानी चाहिए इस बात पर अड़े हुए थे। दामोदरन पर संदेह होने के बाद भी किसी तरह संभाल लेंगे सोचकर शादी की तैयारी धनंजयन ने कर दी और अपने अम्मा को भी समाचार दे दिया।
‘ऑक्सीजन मास्क’ के साथ घूरकर देख रहा था रामकृष्णन। पंडित जी मंत्र बोलते समय दूल्हे मोहन का मोबाइल बजा। मोहन ने उठा कर देखा वह एक नया नंबर था। तुरंत उसने बंद कर अपने जेब में मोबाइल रख लिया।
जेब में रखने के कुछ क्षण बाद ही फिर से मोबाइल बजा।
फिर परेशान हो उठा कर देखा तो दामोदरन अंकल का कॉल था। तुरंत थोड़ा अलग दूर जाकर कानों में लगाया।
“मोहन मैं दामोदरन बोल रहा हूं। शादी का वीडियो बनाना भूल मत जाना। कल ही धना को सच्चाई का पता चल जाएगा। तब वह शादी नहीं हुई या धमका कर मंगलसूत्र पहनाया ऐसा कह सकता है। उस समय अपने को यह वीडियो ही प्रूफ होगा।” वे बोले।
“ठीक है अंकल। यहां पर एक नर्स मोबाइल फोन में वीडियो ले रही है।”
“तुम भी अपने फोन को निकाल कर रख लो।”
“ठीक है अंकल।”
“भाई ठीक है कब मंगलसूत्र बांधने वाले हो?”
“अभी 2 मिनट में हो जाएगा। पंडित जी मंत्र उच्चारण कर रहें हैं।”
“आई.सी.यू में किसलिए यह मंत्र वगैरह ? तुम जल्दी से मंगलसूत्र पहनाने का रास्ता देखो। ज्यादा से ज्यादा आधा घंटे के अंदर तुम्हें मंगलसूत्र बांधना है। उसके बाद धनंजयन की अक्का अर्थात् तुम्हारी पत्नी के साथ तुम मंदिर के लिए रवाना हो जाओ।
“तब ही मेरे आदमी वहां आकर तुम्हारे अप्पा को मेरे रहस्यात्मक जगह पर लेकर जा सकेंगे।”
“ठीक है अंकल।”
“कम ऑन क्विक। समय नहीं है। पुलिस तुम्हारे अप्पा को ढूंढते हुए अप्पा के ठहरे हुए होटल में गए हैं। जासूसी करते हुए अस्पताल भी आ सकते हैं।”
“समझ रहा हूं अंकल फोन को बंद कर मैं मंगलसूत्र पहनाता हूं” कहते हुए मोहन अपने मोबाइल को किसको देकर वीडियो बनाएं सोचने लगा।
“अरे दूल्हे आपको क्या चाहिए?” कहकर सामने आकर कुमार ने पूछा।
“कुछ नहीं…मेरे मोबाइल में वीडियो लेना है। मैं उसे विदेश में रहने वाले अपने दोस्तों को फॉरवर्ड करूंगा।”
“दे दीजिए मैं ले लूंगा आप जाकर मंगलसूत्र बांधिंए। पंडित जी इंतजार कर रहे हैं” कुमार बोला।
उसके हाथ में मोबाइल देकर मंगलसूत्र पहनने के लिए मोहन तैयार हुआ। उसके पास डॉक्टर मोहन की अम्मा रंजीता, कार्तिका, धनंजयन, उसकी मां सुशीला और उसकी छोटी बहनें कीर्ति और श्रुति सभी लोग अपने हाथों में फूल और अक्षत लिए हुए उसका स्वागत कर रहे थे।
सुशीला के आंखों में खुशी के आंसू थे!
दोनों छोटी बहनें की आंखों में भी आंसू थे। मोहन मंगलसूत्र पहनाने के लिए तैयार हुआ। उसने हाथ में मंगलसूत्र लिया, उसी समय बिजली चली गई और वार्ड पूरा ही अंधेरे में डूब गया!
किसी को भी इसकी उम्मीद नहीं थी। डॉक्टर घबरा गया।
“हे व्हाट नॉनसेंस…इन्वर्टर ऑन करो, कम ऑन क्विक।”
“दूसरा इनवर्टर खराब है डॉक्टर” नर्स बोली।
और जल्दी से वहां से चली गई।
“यह क्या है डॉक्टर पावर कट होने से ऑटोमेटिक जनरेटर काम करना चाहिए ना? गुस्से से मोहन ने पूछा।
“सॉरी सर…कोई और प्रॉब्लम है। मैं ई.पी. को फोन करके मालूम करता हूं” ऐसा कहकर डॉक्टर ने अपने मोबाइल लेकर वहां से गए।
सुशीला को यह अपशकुन लगा।
शुरू से ही ऐसी शादी में अड़चनें होने से इस तरह की हालत में बिजली को भी जाना था तो उसे ऐसा लगा।
“धना, क्या है रे यह सब? शगुन ठीक नहीं। मेरे दिल में कुछ कुछ हो रहा है” उसने कहा।
मोहन भी घबराने लगा।
इस समय कुमार के हाथ में जो मोहन का मोबाइल फोन था उसमें कॉल आया। पहली बार ही उसमें दामोदरन अंकल और उनकी फोटो भी दिखाई दी तो स्तंभित होकर उसने कान में लगाया।
“मोहन में दामोदरन अंकल बोल रहा हूं। पुलिस ने तुम्हारे पापा के हॉस्पिटल में है पता लगा लिया और वहां ही आ रहे हैं। तुमने मंगलसूत्र पहना दिया?” अब कुमार के धड़कने तेज होने से वह स्तंभित रह गया।
“कम ऑन मैन क्विक…तुम तुरंत मंगलसूत्र बांधों और अपनी पत्नी को लेकर रवाना हो। पुलिस आने के पहले मेरे आदमी तुम्हारे अप्पा को मेरे कंट्रोल में लेकर आता हूं” इस तरह से दामोदरन के घबराते समय ही बिजली आ गई, मोहन भी मंगलसूत्र पहनाने के लिए तैयार हुआ।
दूसरे की क्षण “स्टॉप इट…” कुमार ने उसे रोका ।
उसके हाथ में मोबाइल फोन ऑन किए हुए हालात में ही था।
कुमार को घबराकर धना ने देखा।
“धना, यह दामोदर का आदमी है। तुम्हें रोकने के लिए ही यह शादी है। देखो लाइन में दामोदरन है। यहां पर एक बड़ा ड्रामा हो रहा है” बड़ी तेज आवाज में वह बोला।
मोहन का चेहरे पर परेशानी दिखाई दी।
आगे पढ़िएगा ......