💞ख़ून से लिखें ख़त क्यों चाहती है मोहब्बत💞
ख़ून से लिखें ख़त क्यों चाहती है मोहब्बत,
क्या अब कलम में वफ़ा की स्याही नहीं रही?
धड़कनों से जो इज़हार होता था पहले,
वो तासीर अब निगाहों में कहीं नहीं रही।
कभी ख़ामोशी में भी बातें होती थीं,
अब हर जज़्बात पे तहक़ीक़ात होती हैं,
वो दौर गया जहाँ इश्क़ इबादत था,
अब तो मोहब्बत भी शरायत में बँधी होती है।
लफ़्ज़ों में भी अब सौदेबाज़ी सी है,
हर एहसास पे कोई कीमत लिखी होती है,
ख़ून से लिखने की दीवानगी क्यूँ माँगे,
जब रूह की सच्चाई ही गवाही होती है।
वो ख़त जो कभी दिल से भेजे जाते थे,
अब स्क्रीन पे बस "seen" लिखा आता है,
मोहब्बत आज भी ज़िंदा है ऐ दोस्त,
बस उसका अंदाज़-ए-बयान बदल जाता है। 💔
@आर्यमौलिक