🌧 जामारामगढ़ की कृत्रिम बारिश
राजस्थान के जयपुर ज़िले में बसे जामारामगढ़ गांव में इस साल गर्मी कुछ ज्यादा ही लंबी खिंच गई थी। आसमान जैसे रूठ गया था — खेत सूख गए, तालाबों का पानी खत्म हो गया और किसान मायूस थे।
गांव के बुजुर्ग कहते, “पहले बरसात के मौसम में बादल खुद चलकर आते थे, अब लगता है उन्हें बुलाना पड़ेगा।”
तभी जिला प्रशासन ने एक नया प्रयोग करने का फैसला किया — कृत्रिम बारिश
एक सुबह, गांव के आसमान में छोटे-छोटे हवाई जहाज दिखाई दिए। इन जहाजों में बादलों में नमी बढ़ाने के लिए सिल्वर आयोडाइड के कण छोड़े गए। कुछ देर में काले बादल घिर आए, हवा ठंडी होने लगी और धीरे-धीरे बूंदाबांदी शुरू हो गई।
लोगों ने आंगन में खड़े होकर पहली बारिश की खुशबू सूंघी। बच्चे गलियों में नाचने लगे, किसान के चेहरे पर फिर से उम्मीद की मुस्कान आ गई।
गांव के एक बुजुर्ग ने मुस्कुराते हुए कहा —
“ये बादल भले ही बुलाए गए हों, लेकिन खु
शी असली है।”