🫸 इश्क की दास्तां🫷
पल भर है इश्क़ की दास्तां,
पल भर में कोई मिल जाए। (2x)
पल भर में दिल फिर अपना,
उनके संग खिल जाए।
पल भर है इश्क़ की दास्तां,
पल भर में कोई मिल जाए।
क्यों उदास खड़ा है तू इतना,
देखो आया कोई और ख़त लेकर।
इशारा वो करना चाहे,
तुझको अपना दिल देकर।
तुम पल में दिल दे देना,
सारे ग़म पीछे के भूल जाना।
पल भर में बदल जाती है दुनिया,
फिर क्यों बैठा तू उदास होकर।
क्यों रात भर तू रोता है,
सो जाना तुम भी मदहोश होकर।
पल भर है इश्क़ की दास्तां,
पल भर में कोई मिल जाए। (2x)
पल भर में दिल फिर अपना,
उनके संग खिल जाए।
पल भर है इश्क़ की दास्तां,
पल भर में कोई मिल जाए।
उनके नज़रिए से देखो,
उनकी भी होंगी मजबूरियां।
यूँ ही दिल लगाके कोई,
बनाता नहीं रे दूरियां।
दिल भी तू अब से उनसे लगा,
जिनके संग सदा ही रह जाए।
दास्तां उनको बना अपनी,
उनके संग दिल खिल जाए।
रास्ता उनको बना अपना,
जिनपे चलके मंज़िल मिल जाए।
हो हो हो हो हो हो,
हो हो हो हो हो हो हो।
पल भर है इश्क़ की दास्तां,
पल भर में कोई मिल जाए। (2x)
पल भर में दिल फिर अपना,
उनके संग खिल जाए।
पल भर है इश्क़ की दास्तां,
पल भर में कोई मिल जाए।
---
उम्मीद है आपको यह पसंद आएगा!
________लेखक_mayur pokale