Hindi Quote in Poem by Geetika Pant

Poem quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

बचपन

जिंदगी की किताब का वो समय
जब हर वक्त चेहरे पर खुशी रहती थी
ना तपती धूप जलाती थी
और बारिश तो दोस्त थी
पूरा दिन खेलकर भी थकान होती क्या है
कौन जानता था
एक पल भी मुंह चुप ना होना
पूरे घर को खेल का मैदान बनाए रखना
स्कूल से आते ही खाने की मेज की ओर भागना
शाम को अंधेरा हो जाने तक
पूरे मोहल्ले को सिर पर उठाए रखना
क्या दौर था वो
मेरे, बचपन का दौर था वो
जब परेशानियां नही, सिर्फ शैतानियां जानी जाती थी
थकान नही बल्कि पूरे मोहल्ले का चक्कर लगाना थकान दूर करता था
जबरदस्ती की मुस्कुराहट, तब दिल से निकलती खिलखिलाहट थी
लैपटॉप से भारी बस्ता था, लेकिन उसे उठाए कभी थकान नही होती थी,,
तब घर से मिलता एक रुपया,, आज मिलते हजारों रुपयों में भी सुकून नहीं दिला पाता
वो खट्टी मीठी इमली, कच्ची कैरी अमरूदो के टुकड़ों में लगा वो नमक
आज भी मुझे मेरा बचपन याद दिलाता है
इस भागती जिंदगी में कुछ पल सुकून से बैठू
तो सिर्फ बचपन याद आता है
अपने वो दिन याद आते हैं, जब दादी की कहानियां उनकी गोद में सिर रख सुन, दो पल में नींद आती थी
आज कई घंटे उस सुकून भरी नींद को आंखे तरसती है
वो दादाजी की उंगली पकड़कर बाजार घूमना और अपनी पसंद की चीज पाने को मचल जाना
आज उन चीजों की खुशी,, कई ब्रांडेड चीजे खरीदकर भी नही पा पाती
वो दोस्तो की फौज आज कुछ में सिमट गई है
जिन दोस्तों से बाते खतम ही नहीं होती थी
आज उनके चेहरे भी, मुश्किल से ही नजर आने लगे हैं
वो स्कूल की बेंच, उस पर अपने नाम उकेरते दोस्त
टीचर की डांट और उसके बाद वो खिलखिलाहट
लंच ब्रेक का वो खाना और फिर पूरे स्कूल में दोस्तो संग हुडदंग मचाना
अब लगता है कि शायद जिंदगी तो वही थी
बाकी अब तो जिंदगी कट रही है
कभी कुछ पाकर तो कभी खोकर
लेकिन अब बचपन सिर्फ सपना है
और बचपन में देखा, बड़े होने का खूबसूरत सपना
सिर्फ समझौता
क्योंकि अब ना बचपन रहा, ना वो सुकूनभरी जिंदगी
अब सुकून सिर्फ बचपन
और जिंदगी, सिर्फ समझोता बन गई है

Geet

Hindi Poem by Geetika Pant : 111991137
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now