श्री बप्पा रावल श्रृंखला खण्ड-एक 👇
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विवरण : गुहिल या गहलौत वंश के बप्पा रावल मेवाड़ के वास्तविक संस्थापक माने जाते हैं क्योंकि मेवाड़ ने जो शक्ति, प्रसिद्धि और सम्मान प्राप्त किया वो इन्ही की देन थी। इसी राजवंश में से सिसोदिया वंश का निकास माना जाता है, जिनमें आगे चलकर महान राजा राणा कुम्भा, राणा सांगा, महाराणा प्रताप हुए। बप्पा रावल इनका नाम नहीं बल्कि इनके प्रजासरंक्षण, देशरक्षण आदि कामों से प्रभावित होकर जनता ने इन्हें बाप्पा पदवी से विभूषित किया था।
712 ईस्वी में, भारत पर पहला मुस्लिम आक्रमण हुआ जिसमें मुहम्मद बिन कासिम ने सिंध पर आक्रमण कर राजा दाहिर को हराया था। तब बप्पा रावल ने हिंदुस्तान के विविध राजाओं को एकजुट कर न केवल मुहम्मद बिन कासिम को हराया, बल्कि उसे ईरान तक खदेड़ दिया और उसके खलीफा तक पीछा किया।
बप्पा रावल (कालभोजादित्य) का इतिहास जानने के लिए अवश्य पढ़ें।