Quotes by MASHAALLHA KHAN in Bitesapp read free

MASHAALLHA KHAN

MASHAALLHA KHAN

@mashaallhakhan600196
(442)

दर्द मे भी तुझको बेहन्ताह चाहा है हमने
आंसू छिपाकर तुझको हसाया है हमने

तेरी हर राह मे तेरा हम साया रहे हम
तुझको इस तरह कितनी मंजिल तक लाया हमने

तुझको सब मिल गया जिसकी चाह थी तुझे
मगर अपना सब कुछ खो कर भी कुछ ना पाया हमने

तू चला गया तुझे तो बस जाना था हमे छोड़
मगर तुझको इस दिल से कभी ना भुलाया हमने

बेघर पड़े इस दिले मकां की एक ही चाबी थी तू
तेरे बाद कभी इस दिल से ना ताला हटाया हमने.

Read More

कब्र तक पहुंच जाते जनाब,बड़ी देर करदी आने मे
वो तो हम अब तक होश मे है, बड़ी भीड़ लगी थी मयखाने मै .

कुछ कर भी नहीं सकता तेरा, तू आज भी मेरा कल भी मेरा
तुझसे जुदा मै रहे नही सकता ,तू पल भी मेरा तू भर भी मेरा .

लगी थी आग पानी में, जमाने लगे बुझाने मे
ओरो पर इतना भरोसा, बस हमसे शर्म लगी बताने मे .

Read More

नकाब हर शक्सियत बदल रहे थे
हम बिना जाने क्या क्या समझ रहे थे
धोका एक बड़ी चीज है ये मालूम पड़ा
वरना हम छोटी छोटी बातो पर झगड़ रहे थे .

Read More

खुदा जाने क्या रोग लगा है उसको
जो मुझे भुल जाने की कसमे खाने लगा है
खुद से अनजान है शायद अब तक
जो मुझसे दूर होने की बाते करने लगा है
अगर किसी बात से खफा है तो आकार मुझे बताये
यू छोटी छोटी बात पर क्यू रूठ जाने लगा है
अब अगर बात हो उससे तो पता करे मसला क्या है
हूँ अगर कुसुर वार तो उसकी सजा क्या है .

Read More

मुझे नही पता इश्क क्या सजा देगा
लोग कहते है थोड़ा तो मजा देगा

दिल की धड़कन बड़ेगी , बड़ेगी बेचेनिया
रातो को कमबख्त जगा देगा

यू तो इश्क पर कई किताबे पड़ी
बाकी तो वक्त ही समझा देगा

कभी खुशी देगा कभी गम देगा
साला आँखो दरिया बना देगा .

Read More

तुमने मांगा हमने ला दिया
एक अहसान था जो चुका दिया

तुमसे नजर ना मिले अब शायद
इतना पराया हमे बना दिया

एक अहसास था तेरे होने का
नाजाने किसने भूला दिया

एक महक आयी तेरी ओर से
शायद तूने अतर बहा दिया

क्या नूर है तेरी हुस्न का
ये चांद को हरा दिया

किताबी थी खाली पन्नो की
तुमने ये क्या लिखवा दिया

हमतो बेहद समझदार थे
हमको ये कहा उलझा दिया

क्या करू तुम्हारा अब
हमको ये कहा पहुंचा दिया

कोई मजनू कहे कोई आवारा
तुमने हमको ये क्या बना दिया .

Read More

मेरे खामोश और तन्हा रहने का मतलब ये नही
कि मे हकीकत से अनजान हूँ
बस हर किसी से रूबरू होना मेरी फितरत नही .

हम चेहरे से ही मुस्कुराये तो अच्छा है
दिल से मुस्कुरायेंगे तो फसाद होगा .

कौन किसके लिए क्या है ये किसको परवाह
ये मतलबी लोग है जरूरत मे सामने आयेंगे .

मौहब्बत का मौहब्बत से इजहार करने दो
थोड़ा प्यार तुम्हे हमसे थोड़ा हमे करने दो
बहुत पलट लिये हमने किताबो के पन्ने
चलो अब अपनी मौहब्बत का अखबार पढ़ने दो .

Read More