Hindi Quote in Film-Review by Raju kumar Chaudhary

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💥 कहानी का नाम: "बारूद और बरसात"

(Romance meets Revenge in the shadows of bullets)


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मुख्य किरदार:

रणवीर सोलंकी – एक पूर्व सैनिक, शांत पर खतरनाक, जिसकी आँखों में बसी है सिर्फ बदला।

जिया मिर्ज़ा – एक पत्रकार, जो सच की तलाश में है, और खुद अपने अतीत से लड़ रही है।

कैप्टन कबीर राय – रणवीर का पुराना दोस्त, अब दुश्मनों के साथ खड़ा।



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कहानी की शुरुआत:

मानसून की पहली रात थी…
बाँद्रा की सड़कों पर पानी बह रहा था, पर रणवीर सोलंकी की आँखों में सिर्फ खून उतर आया था।

पिछले तीन साल से वो लापता था। सेना ने उसे "मरा हुआ" मान लिया, पर हकीकत में वो जिंदा था — जिंदा, लेकिन अंदर से जलता हुआ।

क्यों?
क्योंकि उसके ही दस्ते में एक गद्दार था, जिसने उसे मौत के मुँह में धकेला — कैप्टन कबीर राय।


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ट्विस्ट: मुलाकात जिया से

रणवीर एक पुराने हथियार डीलर से मिल रहा था, तभी सामने आई — जिया मिर्ज़ा।
स्ट्रेट-कट बाल, चश्मे के पीछे आग सी आँखें। वो रणवीर का पीछा कर रही थी... एक सनसनीखेज कहानी के लिए।

"तुम हो न वो मरा हुआ सैनिक?" उसने धीमे से कहा।

रणवीर पलटा, उसकी गर्दन पर बंदूक तानी — "तुम हो कौन?"

"मैं वो हूँ जो तुम्हें फिर से जिंदा कर सकती है…" – जिया मुस्कुराई।


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एक्सन की बारिश

जिया और रणवीर की जोड़ी जैसे आग और पेट्रोल थी।
रणवीर उसे अपने मिशन में शामिल नहीं करना चाहता था, लेकिन जिया की जिद — और उसकी गहराइयों में छिपे जख्म — रणवीर को तोड़ते चले गए।

वे एक साथ मुंबई के अंडरवर्ल्ड के दिल तक पहुंचे।
एक-एक कर गद्दारों की लिस्ट निकली — और रणवीर ने उन्हें ठिकाने लगाना शुरू कर दिया।

गोलियां चलीं, खून बहा — और दोनों के बीच एक अनकही मोहब्बत भी बहने लगी।


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रोमांस का विस्फोट

एक रात बारिश में, रणवीर ने पूछा —
“अगर मैं आज ना बचा… तो?”

जिया ने होंठों पर उंगली रख दी —
“तुम पहले से ही मर चुके थे रणवीर… मैं तुम्हें जिंदा करने आई हूँ। अब तुम सिर्फ मेरे हो।”


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अंतिम मुकाबला: दोस्त बना दुश्मन

आख़िरी भिड़ंत कबीर राय से थी — बंदरगाह के पास, एक जहाज पर।

रणवीर ने चीख कर कहा —
“तेरे लिए दोस्ती सिर्फ वर्दी थी… मेरे लिए जान।”

कबीर हँसा — “तेरी जान अब मेरी गोली में है।”

और फिर…
जिया ने पहली बार गोली चलाई।
सीधा कबीर के दिल में।


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एपिलॉग: बारूद के बाद की बारिश

रणवीर और जिया ने सब कुछ छोड़ दिया।
हिमालय के किसी गाँव में एक छोटी सी किताबों की दुकान खोल ली।
हर शाम, वो एक-दूसरे की आँखों में वो जंग देखते हैं, जो कभी उन्होंने साथ लड़ी थी — और जीती भी।


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🎬 Tagline:

"जहाँ गोलियों की गूंज में मोहब्बत की धड़कन छुपी हो — वहीं होती है असली कहानी।"

Hindi Film-Review by Raju kumar Chaudhary : 111987308
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