❤️ तेरे बिना अधूरी सी ज़िंदगी
📖 भाग 2: नाम से नफरत, बातों से वार
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> कॉलेज का पहला दिन... और अर्जुन ने तय कर लिया था – "इस लड़की से जितना दूर रहूँ, उतना अच्छा है।"
लेकिन ज़िंदगी कब किसी की सुनती है?
अगले दिन क्लासरूम में बैठा ही था कि प्रोफेसर ने नाम पुकारा –
“अनन्या कपूर… और अर्जुन राठौर – आप दोनों मिलकर प्रेज़ेंटेशन बनाएंगे।”
“What the hell!” अनन्या ने फुसफुसाते हुए कहा।
अर्जुन मुस्कराया, “लगता है भगवान को हमारा झगड़ा पसंद आ गया।”
“Listen, I don’t like you. Don’t talk to me unnecessarily.”
“सच में? मुझे तो लगा तुम लाइक कर रही हो… वरना इतना ध्यान कौन देता है?”
अनन्या गुस्से से आँखें तरेरती है –
“I swear, ये प्रोजेक्ट खत्म होते ही तुमसे मेरा रिश्ता भी खत्म।”
“रिश्ता तो है ही नहीं… शुरू ही कहां हुआ था?”
सारी क्लास हँस देती है। अनन्या दाँत पीसती है। अर्जुन की मुस्कराहट गहरी हो जाती है।
दिल से नफरत शुरू थी… लेकिन किस्मत कुछ और चाहती थी।