खो जाने का डर हर किसी को होता है।
जो होता है अच्छे के लिए होता है ऐसा हमें मानकर चलना होगा। कुछ खो जायेगा तो कुछ पाने के लिए ही।
ईश्वर कहते हैं कि बीती बातों को भूलकर नई शुरुआत करो। तुम्हारा इस दुनिया में कुछ नहीं था। जो है उससे संतुष्ट रहना होगा।तुम जो खो रहे हों वह कुछ न कुछ पाने के लिए ही खो रहे हो। इसलिए खो जाने का ग़म भूल जाओ और अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ते रहो।
मैं कहीं खो जाऊं,
अपने वजूद की परछाई भी भूल जाऊं,
हर सांस में छुपा रहता है एक आशंका,
खो जाने का डर, जैसे अंधेरे में खो जाने का डर।
आशा की किरणें भी जब धुंधली पड़ जाएं,
हर खुशी जैसे मिट जाए,
फिर भी दिल का सागर हल्का हो जाए,
खो जाने का डर, फिर भी मन को सुकून दे जाए।
किसी ने कहा, खोने के बाद ही तो पाना है,
शायद इसी में है जीवन का मज़ा है,
कुछ खो कर ही तो हम औरों का अर्थ समझते हैं,
खो जाने का डर, फिर भी एक अनमोल खजाना है।
तो फिर मैं भी खो जाऊं,
सिर्फ़ अपने आप को ही भूल जाऊं,
खो जाने का डर, पर साथ ही एक नया सवेरा,
खो जाने का डर, तो जीवन का एक अनोखा सवेरा।
- कौशिक दवे
- Kaushik Dave