"तेरे ख्यालों में जो सुकून है, वो दुआओं में कहाँ,
तेरे बिना जो खालीपन है, वो हवाओं में कहाँ।
तेरी मुस्कान से ही तो रोशन है ये दिल का जहां,
वरना मेरी तन्हाइयों में क्या रखा था यहाँ।
तू साथ हो तो हर मौसम फूलों सा लगने लगे,
वरना हर रुत में भी उदासी की चादर तनी मिले।
तू नाम ले ले मेरा धीरे से, और मैं बस सुनता रहूं,
इससे हसीन क्या होगा, अगर कुछ भी न कहूं।