हम बड़े हो रहे हैं !!
अपने सपनें अब घर की जरूरतों से छोटे लग रहे हैं।
लगता है हम बड़े हो रहे हैं।।
माँ की आँचल से लिपटकर रोने वाले,
बंद कमरों में रो रहे हैं|
लगता है हम बड़े हो रहे हैं ।।
खुद के नए कपड़ों की जगह,
पिता के जए जूते देख रहे हैं।
लगता है हम बड़े हो रहे हैं।l
टूटे दिल की सिसकियाँ,
इन होठों में सिल रहे हैं।
लगता है हम बड़े हो रहे हैं ।।
हर छोटी बात पर रुठने वाले,
सबके तानें हँसकर सह रहे हैं।
लगता है हम बड़े हो रहे हैं ।।
घर से कभी दूर न रहने वाले,
घर जाने के सपने देख रहे हैं।
लगता है हम बड़े हो रहे हैं।।
~स्वीटी