एक बार पुकार लेना, मैं आ जाऊँगा
रात के सन्नाटे में जब तेरे हृदय की वेदना जागे, जब बीते समय की स्मृतियाँ तुझे व्याकुल करें, जब तेरा मन तेरी अपनी ही परछाईं से प्रश्न करने लगे—तब बस एक बार पुकार लेना, मैं आ जाऊँगा।
जिस प्रेम को तूने तिरस्कृत किया, जिसे तूने समय की धारा में प्रवाहित कर दिया, वह प्रेम आज भी तेरा है। वह कहीं नहीं गया। तूने उसे भुलाने का प्रयत्न किया, पर वह तो तेरे हृदय के किसी कोने में सजीव है। तेरी हर साँस के साथ जीवित है। और जब तुझे इसकी आवश्यकता होगी, बस एक बार स्मरण कर लेना—मैं आ जाऊँगा।
जब संसार तुझसे मुख मोड़ ले, जब अपने भी परायों से अधिक कठोर हो जाएँ, जब तुझे लगे कि अब तेरा कोई नहीं, तब मत भूलना, मैं अब भी तेरा ही हूँ। मैंने अपने स्नेह को संजोकर रखा है, तेरी प्रतीक्षा में।
यदि तेरा हृदय कभी बोझिल हो, यदि कोई पीड़ा तेरे अंतःकरण को छलनी कर दे, तो संकोच मत करना। तेरी एक पुकार, और मैं अपने समस्त भावनाओं सहित तेरे सम्मुख उपस्थित हो जाऊँगा।
क्योंकि प्रेम, यदि सच्चा हो, तो उसे मिटाने की शक्ति स्वयं विधाता के पास भी नहीं। वह समय की धारा में बहता नहीं, वह बस प्रतीक्षा करता है—तेरी एक पुकार की। और जब वह पुकार आएगी, मैं आ जाऊँगा…