वोह आने का हुनर भी जानता हैं।
जाने का सलीका भी जानता हैं।।
दरबदर फिरता नहीं इश्क मेरा।
खामियाजा तीजारत वालो का होता है।।
जबरन इश्क नहीं , कहो कि दुआ है।
सुराही से प्याला भरा रहता है।।
सिलवटें चेहरे की उम्रदराज होती हैं।
प्यार हमेशा जवान रहता हैं।।
किनारे पे तो कश्तियां रुक जाती हैं।
सफर खयालों का उम्र भर होता है।।
बातें तो सिर्फ जुबा का लड़कपन है।
खामोशी का बया आंखों में होता है।।
रब भी दुआ करे ,मेरे सा सनम पाने की ।
नसीब तारो और हथेली में सिमट जाता हैं।।
क्यों बताऊ, मेरा अश्क आयने से शर्माता हे ।
दुनिया के मुखौटे से दिल घबराता हैं।।