बहुत खूब कहा हैँ किसी ने
आदत, मोहब्बत से भी ज्यादा दर्द देती हैँ
मुझे तो आपसे मोहब्बत भी हैँ
और तुम्हारी आदत भी
पर तुम्हारा मुझे इतने प्यार से ignore कर देना
अच्छा लगा
मेरी आदत तो गयी नहीं इसलिए खामोशियों को अपना लिया मैंने
और मेरी मोहब्बत अब हमेशा आँखों से झलकती हैँ
- SARWAT FATMI