गीत शीर्षक: **"पढ़ाई है रोशनी"**
*(लेखिका – पूनम कुमारी)*
*(सुर धीमा, प्रेरणादायक)*
**(अंतरा 1)** चलो उठो अब किताबों की ओर, खोलो ज्ञान के हर एक द्वार, अंधेरों से लड़ने का वक्त आया, पढ़ाई बने अब हथियार।
**(मुखड़ा)** पढ़ाई है रोशनी, ये जीवन की ज्योति है, जो पढ़ता वही जग में सच की प्रतीक है। माँ की दुआओं में, शिक्षक के विश्वास में, छिपा है उजाला, हर विद्यार्थी के पास में।
**(अंतरा 2)** कभी खेतों से आती है पुकार, कभी शहर की गलियों में प्यार, हर बच्चे के सपनों में बस एक ही बात, पढ़ूँगा मैं, बढ़ूँगा मैं, यही है मेरी जात।
**(मुखड़ा)** पढ़ाई है रोशनी, ये भविष्य का दीप है, जिसने पढ़ा वही बना, देश का अदीप है। लिखेंगे कल नई कहानी, मेहनत की जुबानी, हर अक्षर में बसी है, नयी ज़िंदगानी।
**(अंतरा 3)** न मोबाइल से डर, न हालात से हार, किताबों से मिलती है जीत का विचार। जो सीखा वही करेगा कमाल, पढ़ाई ही देती है असली ख्याल।
**(मुखड़ा)** पढ़ाई है रोशनी, यही असली पूंजी है, ना सोना, ना चाँदी, यही सच्ची दौलत है। जो पढ़ता वही बनता मिसाल, पढ़ाई से ही सजता हर हाल।
**(अंतरा 4)** लड़की हो या लड़का, सबका अधिकार, शिक्षा से खुलते हैं जीवन के द्वार। ना पीछे रह जाए कोई भी गाँव, पढ़ाई से ही बदलें हम हर गाँव।
**(अंतिम मुखड़ा)** पढ़ाई है रोशनी, यही जीवन की आस है, जो पढ़े वही बने, भविष्य की साँस है। चलो बढ़ें साथ मिलकर आज, ज्ञान बने हमारा ताज।
🌟 **संदेश:** यह गीत यह बताता है कि आज के समय में शिक्षा ही असली शक्ति है — जो समाज को आगे बढ़ाती है, बच्चों को पहचान दिलाती है और गाँव-शहर सबको एक करती है।
भाग 2 : **“पढ़ाई ने दी बड़ी जीत – अब दुनिया हमारी है”**
*(लेखिका – पूनम कुमारी)*
**(प्रारंभ)** कल जो मिट्टी में खेलते थे बच्चे, आज किताबों से दुनिया बदलते हैं। जो कभी ‘नहीं कर सकता’ कहा गया, आज वही ‘देश का नाम’ बनते हैं। 🌍
**(अंतरा 1)** गाँव की गलियों से निकली वो रोशनी, जो शहरों के सपनों से भी बड़ी थी। माँ के आँचल से निकला वो शब्द, “पढ़ ले बेटा, यही तेरी असली जीत थी।” 💖
🌾 *कभी मोमबत्ती से पढ़ते थे हम, आज लैपटॉप से दुनिया देख रहे हम।*
**(मुखड़ा)** पढ़ाई ने दी बड़ी जीत हमें, हर डर, हर बाधा मिटा दी हमने। अब न कोई रुकावट, न हार की रीत, ज्ञान से जीती है हमने हर जीत। 🏆
**(अंतरा 2)** शिक्षा अब न राह है कठिन, हर दिल में बसा है उसका वचन। किसान की बेटी, मजदूर का लाल, पढ़ाई से बना सबका कमाल।
📚 *ना पैसा, ना ओहदा मायने रखता है, पढ़ा लिखा इंसान ही सच्चा रखवाला है।*
**(मुखड़ा)** पढ़ाई ने दी बड़ी जीत हमें, हर कदम पर बढ़ाया मनोबल हमने। अंधकार को रोशनी में बदला, पसीने से भविष्य को चमका दिया हमने। ☀️
**(अंतरा 3)** अब न बेटा ही क्यों पढ़े अकेला, बेटी भी बने अब देश का मेला। हर कोने में उठे यही गीत, “पढ़ाई से मिली सबसे बड़ी जीत।”
💪 *अब न कोई झुके, न कोई थमे, पढ़ाई से हम सब साथ चलें।*
**(ब्रिज पंक्तियाँ – भावनात्मक ऊँचाई)** किताबों में अब केवल शब्द नहीं, सपनों की उड़ान छिपी है वहीं। हर स्कूल, हर कक्षा, हर मन में, ज्ञान की क्रांति जल उठी इस धरती पर। 🌏
**(अंतिम मुखड़ा – जोश और विजय का स्वर)** पढ़ाई ने दी बड़ी जीत हमें, अब दुनिया हमारी कहानी कहे। हम वो भारत हैं जो थमता नहीं, किताब से लेकर सितारों तक रमता है यही।