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🎵 कविता का शीर्षक: “माता-पिता सबसे महान”
🌼 अंतरा 1:
माँ की ममता चाँद की रौशनी,
पिता का साया पेड़ की ठंडी छाँव।
जीवन की राहें आसान कर दे,
इनके चरणों में है सारा गाँव।
> (कोरस)
माता-पिता हैं धरती के भगवान,
इनके बिना सब कुछ वीरान।
इनके आशीर्वाद से खिलती ज़िन्दगी,
यही तो सच्चा है वरदान।।
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🌸 अंतरा 2:
माँ की लोरी में मीठा सपना,
पिता की सीख में जीवन अपना।
रातें जागकर देखा है माँ ने,
बेटे की हँसी पर मुस्काई सपना।
> (कोरस दोहराएँ)
माता-पिता हैं धरती के भगवान,
इनके बिना सब कुछ वीरान।
इनके आशीर्वाद से खिलती ज़िन्दगी,
यही तो सच्चा है वरदान।।
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🌺 अंतरा 3:
जब गिरते हैं बच्चे राहों में,
पिता संभाल लेते बाहों में।
माँ का आँचल बनता ढाल,
दूर हो जाती हर एक चाल।
> (कोरस)
माता-पिता हैं धरती के भगवान,
इनके बिना सब कुछ वीरान।
इनके आशीर्वाद से खिलती ज़िन्दगी,
यही तो सच्चा है वरदान।।
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🌷 अंतिम अंतरा (भावनात्मक)
ना रूठो उनसे, ना तोड़ो नाता,
उनसे ही मिलता हर सुखदाता।
माँ-बाप का प्यार न भूलो कभी,
इन्हीं से रोशन हर दिन, हर दिशा।।
> (अंतिम कोरस)
माता-पिता हैं धरती के भगवान,
इनके चरणों में स्वर्ग समान।
जो झुके इनके आगे सच्चे मन से,
वही कहलाए सच्चा इंसान।।
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💖 कविता से संदेश:
> माँ और पिता का आशीर्वाद ही जीवन का सबसे बड़ा धन है।
जो इस धन को संभाल लेता है, उसे कभी कोई ग़रीबी छू नहीं सकती।