💧✨ “पानी की बूंदें” ✨💧
नन्हीं-नन्हीं मोतियों सी,
टपक रही हैं छत की कोनों से,
जैसे धरती को चूमने आई हों,
आकाश के अमृत भरे सपनों से। 🌧️🌿
बूंदें गिरतीं मिट्टी पर,
सुगंध हवाओं में भर जाती,
हर कण में जीवन बोती हैं,
प्रकृति मुस्कान लुटाती। 🌱💦
नन्हीं बूंदें मिलकर बन जातीं,
सागर, झील और दरिया,
सिखा जातीं हमें कि संगठित होकर,
हर मुश्किल से लड़ सकता है जगरिया। 🌊🌍
हर बूंद में छिपा है जीवन,
हर बूंद है उपहार,
संभालो इनको दिल से तुम,
यही है प्रकृति का आधार। 🌏💧