🌿 वृक्ष जीवन के रक्षक 🌿
वृक्ष हैं धरती का गहना,
इनसे सजा है जीवन रेहना।
छांव, शीतल जल की माया,
इनके बिना जग सूना पाया।
पंछी गाते डालों पर,
फल-फूल झरते ऋतुओं के स्वर।
सांस-सांस में प्राण ये भरते,
मानव जीवन को संवरते।
आंधी-पवन को झेल ये पाते,
धरती माँ का श्रृंगार कहलाते।
नदी-नाले इनसे बहते,
वन्य जीव इनसे ही रहते।
ओ मानव! मत इनको काटो,
इनसे जीवन का दीप जलाओ।
वृक्ष बचेंगे तो जग बचेगा,
हर आंगन फिर से हरा-भरा खिलेगा।
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“वृक्ष केवल पेड़ नहीं, जीवन के प्रहरी हैं।”
“जो इन्हें बचाएगा, वही आने वाली पीढ़ियों को बचाएगा।”
“हरा-भरा वृक्ष ही असली दौलत है, सोना-चांदी नहीं।”
“आओ मिलकर प्रण लें – हर वर्ष एक वृक्ष अवश्य लगाएंगे।”