✨ “ज्ञान ही उजियारा है” ✨
अंधकार सब मिटे यहाँ, शिक्षा का दीप जलाओ,
हर गली, हर गाँव में, उजियारा अब फैलाओ।
माता-पिता का धर्म यही, संतान को पढ़ाना,
ज्ञान से बढ़कर धन नहीं, ये मंत्र सभी को गाना।
बच्चे हैं भविष्य हमारे, इनको मत रोको भाई,
पढ़ाई संग खेलकूद हो, खुशियाँ हर पल समाई।
मनोरंजन संग सीख मिले, जीवन हो साकार,
हर बच्चा पंख लगाकर, पहुँचे नभ के पार।
कभी न छूटे शिक्षा से, कोई भी बालक प्यारा,
पुस्तक, खेल, विज्ञान से, सजता है संसार सारा।
मिल-जुल कर सब साथ दें, शिक्षा का व्रत निभाएँ,
घर-घर दीप जलाकर हम, नयी दिशा दिखाएँ।
सपनों के पंख लगाकर, हर बालक ऊँचा उड़े,
न कोई हो अंधकार अब, उजियारा सबमें चढ़े।
शिक्षा से ही समता होगी, शिक्षा से ही बल है,
यही सच्चा स्वर्णिम पथ है, यही सच्चा संबल है।
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Writer-
Dharmendra Kumar