🌏✨ "मानव गाथा – युगों का आह्वान" ✨🌏
हे मानव! तू धरा का गहना, 🌸
ज्ञान-विवेक का अनुपम रत्न है रहना।
अग्नि जलाई, नभ को छुआ, 🚀
धरती पर तूने इतिहास लिखा।
नदियों के संग तूने गीत गाए, 🌊
वनों की छाँव में सपने सजाए।
पर जब तूने लोभ का जाल बुना,
धरती का आँचल आँसू से भरा।
जाग उठ, सुन प्रकृति की पुकार, 🌿
करुणा से ही बनेगा संसार।
प्रेम ही तेरा सच्चा धर्म है, ❤️
भाईचारा ही अमर कर्म है।
अंधियारे में दीपक तू जलाना, 🕯️
भटकों को सच्ची राह दिखाना।
विनाश नहीं, सृजन की राह चुन,
विश्व को परिवार मान हर जन। 🌍
तेरे ही हाथों है भविष्य का मान,
हे मानव! बन धरती का अभिमान। 🇮🇳
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Writer -
Dharmendra Kumar