तू होता करती बातें तमाम
हाए ! ये मेरे दिल लगाने के इंतजाम
कहो बातें आंखों से तुम
प्रिय ये लब ना खोलो
सुनो बस धड़कन दिल की
अभी ना कुछ बोलो
सुनोगे आंखों से तो बातें तमाम आएंगी
चांदनी है जो चमक रही
वो पैगाम मोहहबत के लाएंगी
बस जल्दी न करना तुम
अभी बरसात बाकी है
निकल गई ताउम्र जिसमे
अभी वो करनी इक बात बाकी है
मनाओगे जब हमें तो रूठेंगे तुमसे
करनी अभी कितनी शिकायते बाकी है
हिज्र मै गले ना लगाना अभी
अभी तो ये बितनी ये रात बाकी है
कितनी यादें बनती हमारी साथ मैं उस दौरान
तू होता करती बातें तमाम
हाए! ये मेरे दिल लगाने के इंतजाम।