मन में उठे उमंग सुनो जी...
मन में उठे उमंग सुनो जी।
झूमे मस्त मतंग सुनो जी।।
फागुन का मौसम है आया।
चढ़ी सभी को भंग सुनो जी।।
होली की ऋतु हुई सुहानी।
छलक रहे है रंग सुनो जी।।
हुरियारों की टोली निकली।
नाची गोपी संग सुनो जी।।
देश विदेशों का रुख देखो।
छिड़ी आपसी जंग सुनो जी।।
युद्ध भूमि में तोपें गरजीं।
बिखरे मानव अंग सुनो जी।।
सत्ता के हित छिड़ी लड़ाई।
जनता होती तंग सुनो जी।।
मनोजकुमार शुक्ल मनोज