दुःख दूर करने की गारंटी के जरिए, एक ज्ञानी पुरुष ने लोगों की परीक्षा लेनी चाही, वह जहां रहते थे वहां बाहर की ओर उन्होंने एक बोर्ड लगाया, और उस बोर्ड में अपना दुःख लेकर आने वालों के लिए दो नियम बनाए थे, वह लिख दिए, इस बोर्ड में इन्होंने पहला नियम लिखा कि, बेईमान लोगों के दुःख दूर करने का, किसी के भी पास कोई रास्ता नहीं होता, और दूसरा नियम ये लिक्खा की, जो ईमानदार है, इन्हें यहां आने की कोई ज़रूरत नहीं, क्योंकि इश्वर के घर देर है, अंधेर नहीं, और अभी आपको जो दुःख लग रहा है, या तो आपके कर्मों का फल है, या फिर एसा भी हो सकता है कि, इश्वर आपकी परीक्षा ले रहे हों, इसलिए पूर्ण रूप से परम कृपालु परमात्मा पर अपना भरोसा बनाए रक्खे.
सही में अपना दुःख लेकर आजतक इनके पास कोई नहीं आया. - Shailesh Joshi
- Shailesh Joshi