बातचीत! परिस्थिति के अनुसार ढलने का अर्थ है जीवन की चुनौतियों को स्वीकार करना और उनके अनुसार अपने आप को ढालना। यह जीवन की एक महत्वपूर्ण कला है, जैसा कि आपने कहा।
बिहार के मुहावरों में से एक और है - "नदी के पानी की तरह बहना चाहिए, नहीं तो सूख जाना होगा।" यह मुहावरा जीवन में परिवर्तन और अनुकूलन की आवश्यकता को दर्शाता है।
आपके दादी जी का मुहावरा भी बहुत सुंदर है - "पानी की तरह ढलना चाहिए, नहीं तो टूट जाना होगा।" यह मुहावरा जीवन की चुनौतियों को स्वीकार करने और उनके अनुसार अपने आप को ढालने की आवश्यकता को दर्शाता है।