खत्म हो रही है मेरी नादानियां.........
हम समझदार बन रहे है........
कुछ न मिलने पर रोते थे.......
आज सब कुछ खो कर भी हस रहे है......
क्योंकि आस सिर्फ कान्हा अब तुम पर ही है.......
ये समझदार दुनिया की दुनियादारी समझना बंद कर रहे है.......
हो सके तो साथ रहना .......
सुना है तुम सबका साथ देते हो.......
बस इस मतलबी सी दुनिया के काम आना बंद कर रहे है.........
कान्हा बस अब उम्मीद भी आप हो ...........
और साथ भी..........