सोमवती अमावस्या
दिवस सोमवती अमावस्या का होता है खास। मनाया जाता है यह पर्व त्यौहार पौष मास। अवसर होता गंगा स्नान पूजन अर्चन
पितरों का तर्पण वंदन खास। दान जप तप
यज्ञ होम करावे श्रद्धालु नदी तीरे हो या
तालाब। करते भक्त गण पूजा पाठ भगवान शिव शंकर जी एवं श्री हरि विष्णु जी का।
होता मंगलकारी शुभ वरदाई पढ़ना शिव चालीसा एवं श्री हरि विष्णु सहस्त्रनाम।
पीपल पेड़ में होता है पूजन अर्चन सह
गंगा जल , फल फूल अक्षत, हल्दी ,जल
प्रसाद। पीपल पेड़ तले जले धूप दीप आरती
परिक्रमा १०८ । नकुल दाने और कच्चे बादाम
हाथ लिए श्रद्धालु गण करते भाव भक्ति से
कर सोलह श्रृंगार गाते मंगल गीत सुहाग। बांधते मौली धागा पीपल पेड़ और करते ऊं नम शिवाय जाप अखंड।
सोमवती अमावस्या तिथि पर होती है
शिव शंकर जी और श्री हरि विष्णु जी की
असीम अनुकम्पा विशेष।
अकिंचन अधम दासी तेरे चरणों में कोटि-कोटि नमन करे मांगे क्षमा दान करो
विचरण मेरे आंगन में जलते रहे दीप अखंड
ज्योत। सुखी रहे घर परिवार संसार हे भगवान्
हो मंगलमय जीवन बने आनंद स्रोत।
कोटि-कोटि प्रणाम हे शिव शंकर जी पार्वती जी। कोटि कोटि प्रणाम श्री हरि विष्णु जी
सहस्रबाहु नारायण जी।
- Anita Sinha