मैं और मेरे अह्सास
देश रक्षक
देश रक्षक के हौसले बुलंद होते हैं l
जान बाजों के पंख अनंत होते हैं ll
वतन के वास्ते मरने या मिटने के l
उनके जज्बात भी अभंग होते हैं ll
भारत माता की रखवाली करते हुए l
वीरों के हाथों में सदा तिरंग होते हैं ll
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह