हर रोज जिंदगी का एक सवाल है।
की आज का मसला हल हुआ कि नहीं।
मम्मी का सबसे बड़ा मसला है,की
मम्मी को काम करने वाली दीदी का काम पसंद नहीं आता,
मम्मी का दूसरा मसला होता है,
किसी कारण पानी का ना आना, ओर तो ओर
मम्मी का तीसरा मसला होता है लाइट चली जाना।
जिंदगी में ये जो हमारी मम्मी के मसले है ना भाई .....
वो हल हो तो जाते है पर रोज के यही मसले होते है।
मम्मी के ओर मसलों में शामिल है।
अपनी चीजों को लेकर उसकी सही जगह पर ना रखना।
मम्मी ने यदि कोई काम बताया तुम्हे ओर तुमने उस काम को वही समय पर ना किया तो,
तो भई मम्मी इतना इंतजार नहीं कर सकते वो खुद ही वो काम कर लेंगे।
कभी कभी मुझे लगता है मम्मी क्या 20साल के है,
हमारी मम्मी हमे बोले बेटा पंखा साफ करदो और हमने ज़रा सी देरी लगाई तो बेड़ा पार....
2 मिनिट खत्म होते होते मम्मी कोई टेबल पर चढ़कर पंखा को साफ करते हुवे हमें दिखेंगे।
मम्मी को खुश रखने का केवल एक ही मंत्र है जनाब....
की मम्मी जो बोले जिस समय पर बोले उनकी सारी बातों को बस मान लिया करो।
तो मम्मी मसला सही हो जाएगा।
मम्मी अपने बच्चों से केवल थोड़ा सा समय मांगती है।
मुझसे बाते करो, थोड़ा अपना समय मुझे दो,
अपनी मम्मी को सिर्फ mother's day पर ही special feel नहीं करवाना।
रोज करवाना है।
सभी मम्मी को मेरी गुजारिश है कि please थोड़ा सब्र रखो, हम बच्चे काम करेंगे।
लेखक ; कोमल मेहता