अर्श पे बैठा खुदा ये देख कर रोता होगा
कि हमारे बनाये बंदे ये कैसे बन गए
एक दूसरे के खून के प्यासे क्यों हो गए
हमने तो बनाये सबको एक ही जैसा
पर तालीम उन्हें मिल रही है ये कैसा
ज़मीं भी तेरी हैं हम भी तेरे
फिर इंसा क्यों कर रहा है काम ऐसा
इंसा के दामन पे इंसा के खून का दाग कैसा